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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था- कांग्रेस मुक्त भारत.. लेकिन फिलहाल कांग्रेस मुक्त भारत तो नहीं हुआ लेकिन हां, कांग्रेस युक्त बीजेपी जरूर बन गई. इसका उदाहरण आप त्रिपुरा के पुराने वाले नए मुख्यमंत्री से समझ सकते हैं. डॉक्टर माणिक साहा. 6 साल पहले ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए माणिक साहा लगातार दूसरी बार त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बन गए हैं.
त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव के बाद नई सरकार का गठन हो गया है. बीजेपी के विधायक दल के नेता माणिक साहा को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी है.
बुधवार 8 मार्च 2023 को मुख्यमंत्री और नए मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल हुए.
त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव से एक साल पहले ही भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री बदलकर राजनीतिक तौर पर चौंकाने वाला फैसला लिया था. बीजेपी ने बिप्लब देब को हटाकर डॉक्टर माणिक साहा को नया सीएम बनाने का फैसला किया था. तब खबर आई थी कि बिप्लब देव के खिलाफ पार्टी में असंतुष्टि की आवाज उठ रही थी. दो विधायकों ने पार्टी भी छोड़ दी थी. जिसे देखते हुए बिप्लब देब को पद से हटने के लिए कहा गया.
पहली बार 15 मई 2022 को त्रिपुरा बीजेपी अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य माणिक साहा ने राज्य के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. 70 साल के माणिक साहा एक योग्य दंत चिकित्सक यानी डेंटिस्ट भी हैं.
कांग्रेस छोड़ने के बाद माणिक साहा बीजेपी में प्रभावशाली नेता बनकर उभरे, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि बीजेपी में शामिल होने के चार साल के अंदर ही उन्हें बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया. फिर बीजेपी ने राज्यसभा के लिए भी मनोनीत किया.
2016 में, साहा ने कांग्रेस छोड़ दिया और बीजेपी में शामिल हो गए. और वो 2020 में बीजेपी त्रिपुरा के आध्यक्ष बने.
बता दें कि त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में माणिक साहा ने टाउन बोरडोवाली सीट से जीत हासिल की है. साहा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के आशीष कुमार साहा को 1,257 वोटों से हराया है.
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