advertisement
मोदी सरकार अब साल 2020 के आम बजट की तैयारियों में जुट गई है. आने वाले संसद के सत्र में वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण बजट पेश करेंगीं. इस बजट के लिए पूरे देशभर के लोग उम्मीदें लगाकर रखते हैं. क्या सस्ता होगा, क्या महंगा, किन क्षेत्रों में रोजगार बढ़ने की संभावना होगी.. ये सब कुछ बजट से साफ होता है. इसी बजट को लेकर अब पीएम मोदी ने लोगों से सुझाव मांगे हैं. नरेंद्र मोदी ऐप और वेबसाइट पर लोगों ने अपने सुझाव देने भी शुरू कर दिए हैं.
पीएम मोदी के सुझाव मांगे जाने पर लोगों ने जमकर अपनी राय रखी और बताया कि उन्हें किन मुद्दों से सरोकार है. लोगों ने बेरोजगारी, किसान और लगातार गिरती इकनॉमी का भी जिक्र किया. लोगों ने पीएम मोदी को ये भी बताया कि कैसे युवाओं को रोजगार दिया जा सकता है. आइए देखते हैं लोगों ने पीएम मोदी को आगामी आम बजट के लिए क्या और कैसे सुझाव दिए?
नरेंद्र मोदी वेबसाइट पर अक्षय कुमार नाम के शख्स ने अपने सुझाव में इकनॉमी को सुधारने और बेरोजगारी दूर करने का समाधान बताया. उन्होंने लिखा,
“डियर प्राइम मिनिस्टर हम इकनॉमी और बेरोजगारी का हल निकाल सकते हैं, इसके लिए हमें ज्यादातर छात्रों को नौकरी पाने के लिए एजुकेट करना होगा और उनका एरिया ऑफ इंट्रेस्ट बताकर उन्हें बताना होगा कि वो अपने दम पर नौकरी पा सकते हैं. यूनिवर्सिटीज में ऐसे कैंपेन चलाकर हम ऐसा कर सकते हैं. इकनॉमी के लिए हमें सबसे पहले एक स्थिर वातावरण बनाना होगा. हमें कंपनियों को आमंत्रित करना होगा कि वो इको फ्रेंडली चीजें भारत में बनाएं. बड़ी टेक कंपनियों को कहना चाहिए कि वो भारतीय छात्रों के लिए रोजगार पैदा करें.”
एक अन्य सुझाव में नेहा कुमारी भारद्वाज ने रोजमर्रा की जरूरत वाली चीजों पर टैक्स कम करने की मांग की. उन्होंने सुझाव देते हुए लिखा, सर रोजमर्रा की चीजों पर टैक्स कम होना चाहिए. जैसे- डेयरी प्रोडक्ट्स, इलेक्ट्रॉनिक इक्युपमेंट्स, खिलौने, बेबी प्रॉडक्ट्स और फूड प्रॉडक्ट्स पर टैक्स कम होना चाहिए.
वहीं एक दूसरे सख्श रमेश ने कहा कि मोदी जी आपके काम पर हम भरोसा करते हैं, आप डिफेंस, वाटर रिसोर्सेस, हेल्थ, एजुकेशन, फूड आदि पर और काम करते रहिए. लेकिन सेनेटरी पैड्स, बच्चों के नैपकिन और दवाओं पर कॉस्ट कटिंग जरूरी है.
किरण सुब्रमण्यम ने पीएम मोदी से अपील की है कि आने वाले बजट में पूरे देशभर के वॉटर सप्लाई बोर्ड को प्राइवेटाइज कर दिया जाए. इसके अलावा किरण ने होम लोन सस्ता करने की भी बात कही. उन्होंने कहा,
“सस्ते होम लोन से हम जैसे मिडिल क्लास लोगों को काफी मदद मिलेगी. आपने काफी बेहतरीन योजनाएं लागू की हैं, आगे भी ऐसी योजनाएं लाएं जिनसे आम लोगों और गरीबों को फायदा हो.”
पीएम मोदी को बजट के लिए अमनदीप ने कहा कि सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता अपनाई जानी चाहिए. उन्होंने कहा,
प्रेम सिंह ने अपने सुझाव में कई मुद्दों पर एक साथ बात की. उन्होंने सड़कों पर लगने वाले जाम, बेरोजगारी आदि को लेकर अपनी राय दी. प्रेम सिंह ने वेबसाइट पर लिखा, "मैं देखता हूं.. शहरों में स्ट्रीट वेंडर्स बढ़ते जा रहें हैं. उनकी शहरी निकायों में कोई रजिस्ट्रेशन पहचान नहीं है. एक भीड़ सड़क जाम का हिस्सा बनते हैं. क्योंकि कोई ठोस नीति नहीं है. दूसरी तरफ युवा हैं, जो समाज की आवश्यकता, तकनीकी ज्ञान के कला कौशल को अभी अपनी आजीविका का साधन नहीं बना पा रहे हैं. सरकारी नौकरियों की चाहत में परीक्षाएं देते देते बेरोजगारी से ग्रस्त हो रहें हैं."
वहीं गीता सिंह बजट को लेकर थोड़ी सख्त दिखती हैं. उन्होंने एक ही लाइन में बजट को लेकर अपनी राय रखी. गीता ने कहा कि "बजट सख्त होना चाहिए, लोकलुभावन बजट सिर्फ वोट दिला सकता है विकास नहीं."
अजब नगर नाम के एक शख्स ने भी एक ही लाइन में अपने सारे सुझाव दे दिए. उन्होंने फ्री शिक्षा से लेकर जनसंख्या नियंत्रण कानून तक की बात कही. अजब ने लिखा, "12 तक शिक्षा फ्री की जाए, जातिगत आरक्षण खत्म हो, नशा मुक्ति कानून बने, जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू हो.
व्यास मुनि पांडे ने पीएम को अपने सुझाव में कहा कि वो डिफेंस का बजट बढ़ाएं और सोलर पावर प्रोडक्ट्स पर टैक्स को कम करे. पांडे ने लिखा कि,
एक अन्य शख्स सिद्धार्थ जैन ने मोदी सरकार के मोटर व्हीकल एक्ट अमेंडमेंट का जिक्र किया और अपील की है कि इसके तहत लगने वाले जुर्माने काफी ज्यादा हैं. उन्होंने कहा कि आम आदमी की आय के अनुपात में ये जुर्माने काफी ज्यादा हैं. सिद्धार्थ जैन ने कहा, "मोटर व्हीकल एक्ट में अतार्किक जुर्माना मोटर व्हीकल एक्ट में जो जुर्माने हैं, वो निम्न-मध्यम वर्ग और नीचले-आय वर्ग की प्रति व्यक्ति मासिक आय के अनुपात में करें. आम आदमी का महीने भर का जितना वेतन नहीं होता, उससे ज्यादा तो एक नियम तोड़ने पर जुर्माना (10000) है. गरीब लोग तो देखकर ही डर जाएं. गडकरी जी ने महाराष्ट्र चुनाव के पहले यह कारनामा किया, उनसे एक बार अवश्य पूछें कि ऐसा करने का क्या कारण था?"
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 08 Jan 2020,06:02 PM IST