मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019UP MLC Result: SP का खाता नहीं खुला, 33 पर जीती BJP-वाराणसी ने क्यों चौंकाया?

UP MLC Result: SP का खाता नहीं खुला, 33 पर जीती BJP-वाराणसी ने क्यों चौंकाया?

यूपी विधान परिषद चुनाव में निर्दलीय ठाकुर उम्मीदवारों का दबदबा दिखा.

विकास कुमार
पॉलिटिक्स
Updated:
<div class="paragraphs"><p>UP MLC Election Result</p></div>
i

UP MLC Election Result

null

advertisement

यूपी विधान परिषद चुनाव (UP MLC Election Result) में 36 में से 9 सीटों पर बीजेपी (BJP) ने पहले ही निर्विरोध जीत हासिल कर ली थी. अब बाकी सीटों पर भी नतीजे आ चुके हैं. 36 में से 33 पर बीजेपी, 2 निर्दलीय और एक पर जनसत्ता दल के उम्मीदवार को जीत मिली है. एसपी खाता भी नहीं खोल पाई. बीएसपी और कांग्रेस ने प्रत्याशी ही नहीं उतारे थे.

9 सीटों पर निर्विरोध कैसे जीती बीजेपी?

9 अप्रैल को विधान परिषद की 27 सीटों पर वोट पड़े, लेकिन उससे पहले बीजेपी 9 सीटों पर निर्विरोध जीत चुकी थी. लखीमपुर खीरी से बीजेपी ने अनूप गुप्ता को उतारा था. एसपी की तरफ से अनुराग पटेल थे, लेकिन उनका नामांकन ही खारिज हो गया. बुलंदशहर-गौतमबुद्ध नगर सीट पर बड़ा खेल हुआ. चुनाव से ठीक पहले एसपी नेता नरेंद्र भाटी बीजेपी में शामिल हो गए. इसके बाद वो निर्विरोध चुन लिए गए.

बांदा में तो 5 प्रत्याशियों का नामांकन खारिज हो गया. बीजेपी के जितेंद्र सिंह सेंगर निर्विरोध जीत गए. मथुरा सीट से ओम प्रकाश सिंह को भी ऐसे ही जीत मिली. बदायूं से बीजेपी के वागीश पाठक को आसान जीत मिली. उनके सामने एसपी के सिनोद कुमार शाक्य थे, लेकिन उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया.

हरदोई से एसपी उम्मीदवार रेजिउद्दीन ने भी नाम वापस ले लिया, जिससे बीजेपी के अशोक अग्रवाल जीत गए. अलीगढ़ हाथरस से एसपी के जसवंत सिंह उम्मीदवार थे, लेकिन बाद में उनका नामांकन रद्द हो गया. बीजेपी के चौधरी शिवपाल सिंह जीत गए. मिर्जापुर-सोनभद्र सीट पर तीन प्रत्याशी थे, जिसमें से एसपी के रमेश सिंह ने अपना नाम वापस ले लिया. बीजेपी के श्याम नारायण सिंह निर्विरोध जीत गए.

वाराणसी में बीजेपी को मिली टक्कर या दिया वॉकओवर?

विधान परिषद की 36 सीटों में से सबसे ज्यादा चर्चा वाराणसी सीट की रही. यहां से बाहुबली बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा देवी ने बीजेपी के सुदामा पटेल को हरा दिया. बृजेश सिंह इस समय जेल में हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र से बीजेपी तीसरे नंबर पर कैसे आ गई? इसके पीछे एक कारण बताया जा रहा है कि बीजेपी ने बृजेश सिंह को वॉकओवर दे दिया.

वाराणसी सीट को लेकर बीजेपी ने बहुत बाद में प्रत्याशी उतारा. लेकिन उससे पहले कयास लगाया जा रहा था कि बीजेपी बृजेश सिंह के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारेगी. 2016 में बीजेपी ने वाराणसी सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था. इस वजह से बृजेश सिंह की जीत आसान हो गई थी. अबकी बार भी कुछ ऐसा ही लग रहा था.

सुदामा पटेल की जमानत जब्त हो गई

वाराणसी से बीजेपी प्रत्याशी सुदामा पटेल की जमानत जब्त हो गई. उन्होंने बीजेपी के ऊपर भीतरघात करने का आरोप लगाया. सुदामा पटेल ने कहा, हमारी पार्टी के कितने कार्यकर्ता लोगो लगाकर ब्लॉक प्रमुख और सभासद अन्नपूर्णा सिंह के जुलूस में शामिल हुए. 10 कार्यकर्ता गिनती कराने के लिए चाहिए. उसमें 5 कार्यकर्ता हमारे हैं जो अन्नपूर्णा सिंह के लिए गिनती कर रहे हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

निर्दलीय ठाकुर प्रत्याशियों का दिखा दबदबा

विधान परिषद की 36 में से 2 पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की. एक पर राजा भैया के करीबी ने जीत हासिल की. ये तीनों ठाकुर बिरादरी से हैं. पहला नाम अक्षय प्रताप सिंह का है. इन्होंने जनसत्ता पार्टी से चुनाव लड़ा था. दूसरा नाम विक्रांत सिंह रिशु का है, जिन्होंने एसपी के गढ़ आजमगढ़ से जीत हासिल की. यहां से एसपी विधायक रमाकांत यादव के बेटे अरुण कांत बीजेपी के टिकट से मैदान में थे, लेकिन उनकी हार हुई. विक्रांत सिंह रिशु को 4075 वोट मिले. उनके निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के अरुण कांत यादव को 1262 और एसपी के राकेश यादव को 356 वोट मिले.

बीजेपी ने तोड़ा 40 साल पुराना रिकॉर्ड

विधान परिषद चुनाव में 33 सीटों पर जीत के साथ ही बीजेपी ने 40 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया. साल 1982 में कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत था. उसके बाद अब साल 2022 में विधान परिषद की 100 सीटों में से बीजेपी के पास 67, एसपी के 17, बीएसपी के 4, कांग्रेस के 1, अपना दल (सोनेलाल) के 1 सदस्य हैं. इनके अलावा दो शिक्षक (गैर राजनीतिक) एमएलसी, 5 निर्दलीय और एक निषाद पार्टी के हैं. दो सीटें खाली हैं.

विधानसभा चुनाव में एसपी का प्रदर्शन कुछ बेहतर होता दिखा, लेकिन विधान परिषद चुनाव में 36 में से एक भी सीट न जीतने से पार्टी पर बड़े सवाल खड़े होते हैं. अबकी बार तो बीएसपी और कांग्रेस के उम्मीदवार भी नहीं थे. सीधा मुकाबला बीजेपी से था. इसके बाद भी बीजेपी के विजयरथ को रोकने में एसपी पूरी तरह फेल साबित हुई. ऐसे में एसपी के बड़े नेताओं को मंथन करने की जरूरत है कि आखिर इस प्रदर्शन के बल पर 2024 के चुनाव में बीजेपी का मुकाबला कैसे करेगी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 12 Apr 2022,03:42 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT