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उत्तराखंड में निर्दलीय बन सकते हैं किंगमेकर, कांग्रेस-बीजेपी डाल रहीं डोरे

'क्विंट हिंदी' से निर्दलीय प्रत्याशियों ने पुष्टि की कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही उनसे संपर्क कर रही हैं

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Updated:
<div class="paragraphs"><p>उत्तराखंड चुनाव में बनते समीकरण</p></div>
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उत्तराखंड चुनाव में बनते समीकरण

(फोटो: AlteredbyQuint)

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उत्तराखंड में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों (Uttarakhand election 2022) के परिणाम की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे इसे लेकर राजनीतिक चर्चाएं और कयास जोर पकड़ने लगे हैं. राज्य की सत्ता किसे मिलेगी, इस पर विश्लेषकों और जानकारों की ओर से संभावना व्यक्त की जा रही है कि 2007 में हुए विधानसभा चुनावों की तरह इस बार भी बड़ा उलट फेर सामने आ सकता है और निर्दलीय किंग मेकर की भूमिका में आ सकते हैं. इस स्थिति को देखते हुए दोनों राष्ट्रीय दलों ने निर्दलीयों को अपने पक्ष में करने के लिए जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू कर दी है.

राजनीति के चाणक्यों की मानें तो इस बार राज्य में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत मिलता नहीं दिखाई रहा है. ऐसे में बीजेपी-कांग्रेस ने मजबूत निर्दलीय प्रत्याशियों को अपने पाले में लाने की राजनीति तेज कर दी है.

दूसरी ओर निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी इस पर रणनीति बनानी शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि बहुजन समाज पार्टी भी इस बार राज्य में सरकार बनाने में अहम भूमिका निभा सकती है. राज्य में विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को सामने आएंगे.

इन निर्दलीयों पर डाले डोरे

कुछ निर्दलीय प्रत्याशी जो पूर्व में मंत्री रहे हैं और इस बार के चुनाव में दोनों राष्ट्रीय दलों को कांटे की टक्कर देते दिखाई दे रहे हैं, उनसे जब 'क्विंट हिंदी' ने चर्चा की तो उन्होंने पुष्टि की कि बीजेपी व कांग्रेस दोनों ही दल उनसे चुनाव बाद समर्थन के लिए संपर्क कर रहे हैं.

दिनेश धनैः राज्य में चुनाव लड़े सबसे मजबूत निर्दलीयों में से पहला नाम टिहरी से उत्तराखंड जन एकता पार्टी के अध्यक्ष दिनेश धनै का आता है. वह पहले भी निर्दलीय विधायक रहते हुए कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके हैं. दिनेश धनै ने हमसे चर्चा करते हुए बताया कि 10 मार्च का दिन ही तय करेगा कि वह किसको अपना समर्थन देंगे. उन्होंने इस बात की पुष्टि भी की, कि उनसे कांग्रेस और बीजेपी लगातार संपर्क कर रही हैं, लेकिन वह उसी पार्टी को अपना समर्थन देंगे, जो बहुमत के नजदीक होगी.

कुलदीप रावत: रुद्रप्रयाग जिले की सबसे हाॅट सीट मानी जानी वाली केदारनाथ विधानसभा में इस बार निर्दलीय प्रत्याशी कुलदीप रावत स्ट्रॉन्ग कैंडिडेट के तौर पर सामने आए हैं. वह पिछले चुनाव 2017 में कांग्रेस के मनोज रावत से मात्र 839 मतों से मात खा गए थे, लेकिन इस बार वह जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं. उन्होंने कहा कि, मुझसे बीजेपी व कांग्रेस ने संपर्क किया है, लेकिन किस दल को समर्थन दूंगा, यह दस मार्च को ही मालूम हो पाएगा, अभी इस बारे में कुछ भी कहना बहुत जल्दबाजी होगी.

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बहुजन पार्टी भी तराई में मजबूत

इस बार भी राज्य के हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर में बहुजन समाज पार्टी बडे़ उलट फेर कर सकती है. राज्य में बीएसपी की पांच या इससे अधिक सीटों पर आने की संभावना नजर आ रही है. इनमें हरिद्वार से लगभग पांच सीटों पर हाथी मजबूत स्थिति में है. बीएसपी के जिन उम्मीदवारों के जीतने की संभावना दिख रही है, उनमें झबरेड़ा से आदित्य बृजवाल, भगवानपुर से सुबोध राकेश, खानपुर से रविंद्र पनियाला शामिल हैं.

वही बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी शीशपाल से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि उनके पास लगातार बड़े दलों के नेताओं के फोन आ रहे हैं. बीएसपी ने भी दो टूक सभी दलों को जवाब दे दिया है कि जो बीएसपी सुप्रीमो मायावती का आदेश होगा, उसे ही माना जायेगा.
खैर राज्य में जनमत किसे मिलने जा रहा है, इस पर अंतिम मुहर दस मार्च को ही लग पायेगी, लेकिन यह तो दिखने लगा है कि सरकार बनाने के जोड़तोड़ अभी से पार्टियों की ओर से किए जाने लगे हैं.

इनपुट- मधुसूदन जोशी

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Published: 28 Feb 2022,06:37 PM IST

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