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उत्तराखंड में BJP हारेगी? नतीजों से पहले नेता अध्यक्ष पर लगा रहे हराने का आरोप

अनुशासित पार्टी की छवि वाली बीजेपी में अनुशासन तार-तार होता दिखाई दे रहा है. परिणाम आने के बाद तो यह और बढ़ सकता है.

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उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (uttarakhand elections 2022) के मतदान समाप्त होने के बाद से ही प्रदेश बीजेपी में मचा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब पार्टी के उम्मीदवार पार्टी के चुनाव संचालकों व बड़े नेताओं पर ही चुनाव हराने का षडयंत्र रचने का आरोप लगा रहे हैं, आरोपों की इस जद में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक निशाने पर आ गए हैं.

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पूरा मामला यह है कि चुनाव मैदान में उतरे बीजेपी के उम्मीदवारों ने अपनी ही पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. काशीपुर सीट से बीजेपी उम्मीदवार त्रिलोक सिंह चीमा और उनके पिता हरभजन सिंह चीमा (जो वर्तमान में विधायक है) एवं चंपावत के विधायक कैलाश गहतोड़ी ने संगठन के कई नेताओं पर भितरघात करने के गंभीर आरोप लगाए हैं. सबसे चौंकाने वाला आरोप तो पार्टी के लक्सर विधायक संजय गुप्ता ने लगाया है. संजय गुप्ता ने सीधे प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर उन्हें चुनाव हराने की साजिश रचने का आरोप लगा दिया है. पिछले दो दिनों से संजय गुप्ता लगातार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पर कई तरह के गंभीर आरोप लगा रहे हैं.

राज्य में मचे इस सियासी घमासान के कई मतलब-मायने भी निकाले जा रहे हैं जो बीजेपी के लिए शुभ संकेत नहीं है.

फजीहत से पार्टी सचेत

इस पूरे मामले में फजीहत झेल रही पार्टी ने भी सख्त रवैया अपनाते हुए इस पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब कर ली है. बीजेपी आलाकमान ने पूरे मामले पर प्रदेश से रिपोर्ट भेजने को कहा है. बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी आलाकमान ने उत्तराखंड के प्रदेश संगठन से भी पूरे मामले की जानकारी मांगी है और इसी के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है. उल्लेखनीय है कि प्रदेश में सभी 70 विधानसभा सीटों पर विगत 14 फरवरी को मतदान हुआ था.

कौन है मदन कौशिक

मदन कौशिक राज्य की बीजेपी सरकार में मंत्री रह चुके हैं. वर्तमान में पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. मदन कौशिक पर अपनी विधानसभा सीट के साथ-साथ प्रदेश की सभी 70 विधानसभा सीटों पर पार्टी की जीत सुनिश्चित करने की भी जिम्मेदारी थी. बीजेपी संगठन के कामकाज को जानने- समझने वाले यह बखूबी समझते हैं कि पार्टी संगठन और सरकार दोनों में ही पार्टी अध्यक्ष की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण और प्रभावी होती है और यहां तो उसी प्रदेश अध्यक्ष पर पार्टी के एक वर्तमान विधायक और अन्य उम्मीदवार चुनाव में हराने का षडयंत्र रचने का आरोप लगा रहे हैं.

धामी का क्या रुख

राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी इस बारे में मीडिया में बात करते हुए इसे छोटी-मोटी बात बता रहे हैं. उनका कहना है कि हमने बहुत मजबूती से मिलकर चुनाव लड़ा है. इस बारे में सभी लोग संयम बरतेंगे. हम मिलकर सब सही कर लेंगे.

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पहले भी धामी ने कहा था कि वो खटीमा विधानसभा सीट से भी चुनाव जीतेंगे और प्रदेश में 60 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल कर भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाएगी, लेकिन जिस तरह से चुनाव खत्म होते ही कलह सामने आई है वह उनके माथे पर भी चिंता की लकीरें बढ़ा रही होगी यह तय है.

राजनीति के जानकारों का इस बारे में मानना है कि ये सब विवाद जानबूझकर युवा पुष्कर सिंह धामी को सत्ता संभालवाने के लिए किया जा रहा है.

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