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मानहानि मामले में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को 2 साल कैद की सजा हुई है, हालांकि उन्हें 30 दिन के लिए जमानत भी दे दी गई. उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान एक रैली में पीएम मोदी (PM Modi) के सरनेम को लेकर टिप्पणी की थी जिसके बाद उनके खिलाफ मुकादमा दायर हुआ था.
राहुल ने ट्वीट किया, "मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है. सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन. - महात्मा गांधी".
बीजेपी के नेताओं ने इस फैसले का स्वागत किया वहीं कांग्रेस ने न्यायपालिका पर बीजेपी के दबाव का आरोप लगाया.
बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने कहा कि, "मैं अदालत के फैसले का स्वागत करता हूं". इन्होंने ही 2019 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी.
केंद्रीय राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने कहा कि, "आज संसद में कांग्रेस हंगामा कर रही थी कि राहुल गांधी को बोलने दिया जाए जबकि राहुल गांधी यहां मौजूद भी नहीं थे...कोर्ट ने अब तय कर लिया है सजा तो उन्हें मिलेगी. वे (राहुल गांधी) बार-बार गलत बोलते हैं, ये सबको पता चल गया है."
इस मामले पर प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, "डरी हुई सत्ता की पूरी मशीनरी साम, दाम, दंड, भेद लगाकर राहुल गांधी जी की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है. मेरे भाई न कभी डरे हैं, न कभी डरेंगे. सच बोलते हुए जिये हैं, सच बोलते रहेंगे. देश के लोगों की आवाज उठाते रहेंगे. सच्चाई की ताकत व करोड़ों देशवासियों का प्यार उनके साथ है."
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि, "ये न्यू इंडिया है अन्याय के खिलाफ आवाज उठाओगे तो ईडी-सीबीआई, पुलिस, एफआईआर सबसे लाद दिए जाओगे. राहुल गांधी जी को भी सच बोलने की, तानाशाह के खिलाफ आवाज बुलंद करने की सजा मिल रही है. देश का कानून राहुल गांधी जी को अपील का अवसर देता है, वह इस अधिकार का प्रयोग करेंगे. हम डरने वाले नहीं."
सूरत कोर्ट के फैसले पर आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, "गैर बीजेपी नेताओं और पार्टियों पर मुकदमे करके उन्हें खत्म करने की साजिश हो रही है. हमारे कांग्रेस से मतभेद हैं मगर राहुल गांधी जी को इस तरह मानहानि मुकदमे में फंसाना ठीक नहीं. जनता और विपक्ष का काम है सवाल पूछना. हम अदालत का सम्मान करते हैं पर इस निर्णय से असहमत हैं."
वहीं राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, "उन्हें जमानत मिल गई है. ये (बीजेपी) लोग पहले जज को बदलते गए, हमें अंदाजा लग रहा था लेकिन हम कानून में विश्वास रखने वाले लोग हैं. कानून के तहत ही हम लड़ेंगे."
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, "मीडिया को भी दबाने की कोशिश है, न्यायपालिका को प्रभावित करने की कोशिश है और राजनीतिक दल के लोगों पर इसी स्तर पर जाकर वो कार्रवाई कर रहे हैं."
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