कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को सूरत जिला अदालत ने कथित 'मोदी सरनेम' टिप्पणी को लेकर दायर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराया है. अदालत ने राहुल को 2 साल कैद की सजा भी सुनाई, लेकिन इसके बाद ही उन्हें जमानत भी दे दी गई है.
ये मामला 4 साल पुराना है, जिसे लेकर सूरत कोर्ट ने फैसला सुनाया. राहुल गांधी ने सुनवाई के दौरान कोर्ट में कहा कि उन्होंने चुनावी रैली के दौरान ये बयान दिया था, जो जानबूझकर नहीं दिया गया था.
बता दें कि इस मामले में सुनवाई पहले ही पूरी हो चुकी थी, गुरुवार को इस पर फैसला आना था. राहुल गांधी ने पहले ही अपना अंतिम बयान दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका मोदी उपनाम का उल्लेख सिर्फ पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर था ना कि किसी और या किसी विशेष समुदाय को बदनाम करने के लिए, इसके अलावा, जहां तक वह जानते थे, मोदी नाम का कोई समुदाय नहीं था.
क्या था मामला?
मामला 2019 लोकसभा चुनाव से पहले का है. राहुल गांधी पर आरोप है कि कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान उन्होंने कहा था, "कैसे सभी चोरों का सरनेम मोदी है?" उनके इस बयान के बाद बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी.
बीजेपी के सूरत पश्चिम विधायक पूर्णेश मोदी ने अप्रैल 2019 में गांधी के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत शिकायत दर्ज कराई थी. पूर्णेश मोदी ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने चुनावी रैली को संबोधित करते हुए यह कहकर पूरे मोदी समुदाय को बदनाम कर दिया था, सभी चोरों का सामान्य उपनाम मोदी कैसे है?
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