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शनिवार को जीएसटी काउंसिल की 28वीं बैठक में कई अहम फैसले किए गए. सैनिटरी नैपकिन समेत कई सामानों को जीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया गया है. यानी सैनिटरी नैपकिन पर जीएसटी रेट को शून्य कर दिया गया है. अब तक सैनिटरी नैपकिन पर 12 फीसदी जीएसटी लगाया जा रहा था.
फिलहाल वित्त मंत्री का कार्यभार संभाल रहे पीयूष गोयल इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे.
हैंडलूम दरी, फास्फोरिक एसिड युक्त फर्टिलाइजर्स, बुनी हुई टोपियां (1000 रुपये से कम कीमत की) इन सभी चीजों पर जीएसटी रेट 12% से घटाकर 5% कर दी गई है. एक हजार रुपये कीमत तक के फुटवियर (जूते-चप्पल) पर भी अब 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा.
इसके अलावा लिथियम आयन बैटरी, 68 सेमी तक के टीवी, वैक्यूम क्लीनर, फूड ग्राइंडर, मिक्सर, शेवर्स, हेयर क्लिपर्स, हैंड ड्रायर, वाटर कूलर, आइसक्रीम फ्रीजर, रेफ्रिजरेटर, कॉस्मेटिक्स, परफ्यूम-सेंट, पेंट और वार्निश पर जीएसटी रेट 28% से घटाकर 18% कर दी गई है.
तेल मार्केटिंग कंपनियों को पेट्रोल और डीजल में मिलाने के लिए दिया जाने वाले इथेनॉल पर भी रेट घटाई गई है. ये 18% से घटकर 5% कर दी गई है.
निर्माण क्षेत्र के काम आने वाले तराशे हुये कोटा पत्थर, सैंड स्टोन और इसी गुणवत्ता के अन्य स्थानीय पत्थरों पर जीएसटी की दर को 18 से घटाकर 12 % किया गया है.
सरकार ने रिवर्स चार्ज व्यवस्था पर अमल को और एक साल (30 सितंबर 2019 तक) के लिये टाल दिया है.
वहीं पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले तिमाही रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. इससे 93 प्रतिशत टैक्सपेयर्स को फायदा होगा.
जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 4 अगस्त को होनी है
(भाषा इनपुट के साथ)
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