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ओडिशा में छात्राओं को फ्री सैनिटरी पैड,ये राज्य भी कर चुके हैं पहल

हाल के दिनों में फिल्म सहित कुछ राज्य सरकारों ने पीरियड्स टैबू दूर करने को लेकर जागरूकता फैलाने का काम किया है.

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महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयासों के तहत ओडिशा सरकार ने राज्यभर में स्कूली छात्राओं को फ्री सैनिटरी पैड मुहैया कराने के लिए योजना शुरू की है. इसका नाम ‘खुशी योजना है.

एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि सालाना 70 करोड़ रुपये की लागत वाली यह योजना राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय विभाग की ओर से लागू की जाएगी.

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सीएम नवीन पटनायक ने इसकी घोषणा की.

मुझे ‘खुशी’ योजना की घोषणा करते हुए हर्ष हो रहा है. इस योजना के तहत सरकारी और सरकार की सहायता से चलाए जा रहे स्कूलों में छठी से 12वीं कक्षा की छात्राओं को राज्य सरकार की ओर से मुफ्त सैनिटरी पैड उपलब्ध कराया जाएगा.
नवीन पटनायक, मुख्यमंत्री, ओडिशा

साथ ही उन्होंने बताया कि स्कूली छात्राओं के अलावा बीजेडी सरकार ग्रामीण महिलाओं को भी कम कीमतों पर नैपकिन मुहैया कराएगी.

बता दें, हाल के दिनों में कुछ राज्य सरकारों ने इस दिशा में अच्छी पहल की है.

उत्तराखंड की छात्राओं को सिर्फ 3 रु में सैनिटरी पैड

उत्तराखंड सरकार ने भी प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीनें लगवाने का फैसला किया है.

एक नैपकिन की कीमत 3 रुपये होगी. वेंडिंग मशीन में 3 नैपकिन का एक पैकेट होगा. मशीन में 10 रुपये या 5-5 रुपये के दो सिक्के डालने पर नैपकिन का एक पैकेट निकलेगा.

इस परियोजना की शुरुआत राज्य के 8 बालिका विद्यालयों से की जा रही है. राज्य सरकार ने प्रदेश के उधमपुर नगर जिले में नैपकिन बनाने के लिए एक मशीन लगवाया है, जिसकी शुरुआत 25 फरवरी से की गई.

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 हाल के दिनों में फिल्म सहित कुछ राज्य सरकारों ने पीरियड्स टैबू दूर करने को लेकर जागरूकता  फैलाने का काम किया है.
‘पैडमैन’ ने भी पीरियड को लेकर जागरूकता फैलाने में निभाई भूमिका
(फोटो: ट्विटर)
हाल ही में रिलीज हुई अक्षय कुमार की फिल्म ‘पैडमैन’ ग्रामीण इलाके की महिलाओं में माहवारी के दौरान स्वच्छता के विषय पर आधारित है. इस फिल्म ने भी जागरूकता फैलाने का काम किया.
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महाराष्ट्र सरकार भी शुरू करेगी योजना

महाराष्ट्र सरकार राज्य में छात्राओं और ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को सस्ती कीमत पर सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराने के लिए ‘अस्मिता योजना' शुरू कर रही है. सरकार ये योजना अगले महीने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) से शुरू करेगी. इस योजना के तहत जिला परिषद स्कूलों की छात्राओं को सैनिटरी नैपकिन का पैकेट सिर्फ पांच रुपये में मिलेगा.

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केरल सरकार ने की थी शुरूआत

बता दें, जीएसटी के तहत सैनिटरी नैपकिन पर 12 फीसदी की दर से टैक्स लगाया गया है. इसे फ्री करने को लेकर 'लहू का लगान' (#LahukaLagaan) नाम से एक कैंपेन की शुरुआत की गई जिसमें सैनिटरी नैपकिन को टैक्स फ्री करने का मुद्दा उठाया गया था.

विरोध के बीच सबसे पहले 17 मई 2017 को केरल सरकार ने सैनिटरी नैपकीन को लेकर योजना शुरू की. सरकार की ओर से हर स्‍कूल में सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन लगाए जाने की योजना शुरू की गई. ऐसा करने वाला यह देश का पहला राज्‍य बना. ये नियम हायर सेकेंडरी स्‍कूलों में लागू होगा. सरकार शी पैड (she pad) के तहत साफ-सुथरे सैनिटरी नैपकिन स्कूल की लड़कियों को देगी. साथ ही नैपकिन डेस्ट्रॉयर (जिससे इस्तेमाल किए गए नैपकिन को डिस्पोज किया जा सकता हो) भी देगी.

5 सालों तक इस स्कीम को चलाए जाने की कीमत 30 करोड़ रुपये होगी.

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(क्विंट और बिटगिविंग ने मिलकर 8 महीने की रेप पीड़ित बच्ची के लिए एक क्राउडफंडिंग कैंपेन लॉन्च किया है. 28 जनवरी 2018 को बच्ची का रेप किया गया था. उसे हमने छुटकी नाम दिया है. जब घर में कोई नहीं था,तब 28 साल के चचेरे भाई ने ही छुटकी के साथ रेप किया. तीन  सर्जरी के बाद छुटकी को एम्स से छुट्टी मिल गई है लेकिन उसे अभी और इलाज की जरूरत है ताकि वो पूरी तरह ठीक हो सके. छुटकी के माता-पिता की आमदनी काफी कम है, साथ ही उन्होंने काम पर जाना भी फिलहाल छोड़ रखा है ताकि उसकी देखभाल कर सकें. आप छुटकी के इलाज के खर्च और उसका आने वाला कल संवारने में मदद कर सकते हैं. आपकी छोटी मदद भी बड़ी समझिए. डोनेशन के लिए यहां क्लिक करें.)

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