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असम में बाल विवाह (Child Marriage) पर जारी हिमंता सरमा सरकार की हालिया कार्रवाई पर गुवहाटी कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. बीते कुछ दिनों में बाल विवाह के आरोप में 3000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
कोर्ट ने क्या कहा? जस्टिस सुमन श्याम ने कई मामलों में अभियुक्तों को अग्रिम जमानत देते हुए कहा कि सरकार के कदम से "लोगों के निजी जीवन में तबाही" मची है और कहा कि ये मामले "हिरासत में पूछताछ" के लिए मान्य नहीं हैं.
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि,
पॉक्सो के आरोप: इस बीच, सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने बताया कि यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम, 2012 (POSCO) की गैर-जमानती धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन न्यायाधीश ने इसे बहुत गंभीरता से नहीं लिया:
उन्होंने यह भी सवाल किया कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 के तहत रेप के आरोपों को क्यों जोड़ा गया:
असम में क्या हो रहा है? बाल विवाह को "अक्षम्य और जघन्य अपराध" करार देते हुए, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 3 फरवरी को बाल विवाह पर एक राज्यव्यापी 'कार्रवाई' शुरू की थी.
16 फरवरी तक लगभग 3041 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. क्विंट हिंदी ने पिछली रिपोर्ट में बताया था कि किस तरह से गिरफ्तारियां राज्य में महिलाओं के जीवन में असमान रूप से कहर बरपा रही हैं और इसके लिए कैसे 'बिना सोचे-समझे' कानूनों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
(इनपुट्स - लाइव लॉ)
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