Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019States Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019आजमगढ़ दलित गांव पर हमले की मजिस्ट्रेट जांच के लिए मानी सरकार, SHO लाइन हाजिर

आजमगढ़ दलित गांव पर हमले की मजिस्ट्रेट जांच के लिए मानी सरकार, SHO लाइन हाजिर

अब डीआईजी ने बताया कि जब तक जांच का नतीजा सामने नहीं आता तब तक किसी भी तरह की कार्रवाई गांववालों पर नहीं की जाएगी.

पीयूष राय
राज्य
Published:
<div class="paragraphs"><p>आजमगढ़ दलित गांव पर हमले की मजिस्ट्रेट जांच के लिए मानी सरकार,</p></div>
i

आजमगढ़ दलित गांव पर हमले की मजिस्ट्रेट जांच के लिए मानी सरकार,

(फोटो: ट्विटर/भीम आर्मी)

advertisement

आजमगढ़ जिले के पलिया गांव में दलित के मकान को जेसीबी से गिरा देने के मामले की अब मजिस्ट्रेट जांच होगी. डीआईजी सुभाष दुबे ने इस बात की जानकारी दी है. द क्विंट ने इस घटना को प्रमुखता से दिखाया था कि कैसे गांव वाले पुलिस पर घर तहस-नहस करने और महिलाओं से अभद्रता करने का आरोप लगा रहे हैं. तहस-नहस किए गए घरों के कुछ वीडियो भी सामने आए थे.

अब डीआईजी ने बताया कि जब तक जांच का नतीजा सामने नहीं आता तब तक किसी भी तरह की कार्रवाई गांववालों पर नहीं की जाएगी. वहीं एसचओ रौनापार को लाइन हाजिर कर दिया गया है.

विपक्ष बता रहा पुलिस की ज्यादती

बीएसपी अध्यक्ष मायावती समेत विपक्ष के कई नेताओं ने इस मामले को ट्विटर पर उठाया है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है

आजमगढ़ पुलिस द्वारा पलिया गांव के पीड़ित दलितों को न्याय देने के बजाय उनपर ही अत्याचारियों के दबाव में आकर खुद भी जुल्म-ज्यादती करना व उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचाना अति-शर्मनाक. सरकार इस घटना का शीघ्र संज्ञान लेकर दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई व पीड़ितों की आर्थिक भरपाई करे.
मायावती, अध्यक्ष, बीएसपी

भीम आर्मी ने इस मामले में धरना शुरू कर दिया है. मांग है कि रौनापार SHO सहित थाने के सभी दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर उनपर FIR दर्ज की जाए. घर तोड़ने के एवज में 5 करोड़ की क्षतिपूर्ति दी जाए.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

क्या है पूरा मामला?

29 जून को, आजमगढ़ जिले के पलिया गांव में छेड़छाड़ की एक घटना की जांच करने दो पुलिस वाले आए. आरोप है कि उन्होंने प्रधान को थप्पड़ मार दिया. जवाब में प्रधान पक्ष से कुछ लोगों ने पुलिसकर्मियों से मारपीट की. ग्रामीणों का आरोप है कि रात में दबिश देने आई पुलिस ने JCB से मुन्ना पासवान और पासी समाज के कुछ मकानों में को तहस नहस कर दिया और उनके जेवर और कीमती सामान लूट ले गए. ग्रामीणों ने पुलिस पर महिलाओं के साथ अभद्रता करने का भी आरोप लगाया है.

आजमगढ़ के पलिया गांव में ग्राम प्रधान के घर में तोड़फोड़

(फोटो:ट्विटर/@cbhanp)

पुलिस का कहना है कि पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए इन लोगों ने खुद ही अपने घरों में तोड़फोड़ की, ताकि पुलिस पर दबाव बनाया जा सके और मारपीट वाले मुकदमे में कोई कार्रवाई न हो. आजमगढ़ पुलिस ने ट्वीट कर दावा किया है कि प्रधान और उनके साथियों ने दो पुलिसकर्मियों को बुरी तरह पीटा और वर्दी भी फाड़ दी. उसी मारपीट के केस से बचने के लिए पुलिस पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं और दबाव बनाया जा रहा है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT