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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मुख्यालय पर बने स्टेज से अमित शाह बिहार में 'डिजिटल रैली' को संबोधित कर रहे हैं.मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक साल पूरे होने के उपलक्ष्य में बीजेपी ने देश भर में कई वर्चुअल रैलियों के आयोजन की तैयारी की है. चुनावी राज्यों बिहार और पश्चिम बंगाल पर ज्यादा फोकस है.
इस तरह की पहली रैली को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा और ये भी कहा कि इस रैली का संबंध चुनाव से नहीं है, रैली का मकसद है कोरोना वायरस के इस दौर में लोगों को एक साथ जोड़े रखना. उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक दल के गुणगान गाने की रैली नहीं है. ये रैली जनता को कोरोना के खिलाफ जंग में जोड़ने और उनके हौसले बुलंद करने के लिए है.
रैली की शुरुआत में इस वर्चुअल रैली को भारतीय इतिहास की पहली ऐसी रैली बताते हुए शाह ने आपातकाल और इंदिरा गांधी का जिक्र किया, विपक्ष पर हमलावर दिखे.
रैली से पहले प्रदेश युवक कांग्रेस ने पटना सहित राज्य के कई जिलों में काले रंग के गुब्बारे उड़ाए और बीजेपी को संवेदनहीन बताया.
बिहार कांग्रेस और आरजेडी ने अमित शाह और बीजेपी की इस रैली पर संवेदनहीनता के भी आरोप लगाए.
रैली के विरोध में आरजेडी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जमकर थाली बजाई. पटना स्थित पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी आवास के बाहर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी , विधानसभा मे विरोधी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव और उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव अपने समर्थको के साथ सड़क पर उतरे और जम कर थाली बजायी. इस क्रम में तेजस्वी ने केन्द्र और राज्य सरकार पर मजदूरों के साथ दूसरे दर्जे के नागरिक की तरह का व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि पूरे देश में करीब 12 करोड़ मजदूर सड़क पर हैं.
थाली बजाने पर अमित शाह ने अपनी रैली में कहा कि कुछ लोगों ने देर-सवेर ही पीएम मोदी की अपील को मान लिया.
रैली से पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि कोरोना वायरस संकट के वक्त चुनाव अभियान चलाना राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश है.बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार प्रवासी मजदूरों के साथ ‘‘सौतेला’’ व्यवहार कर रही है. उन्होंने कहा कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में यह बड़ा मुद्दा होगा. न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में तेजस्वी ने विपक्षी खेमे में फूट की खबरों को भी खारिज करते हुए कहा कि अलग दृष्टिकोण रखना किसी भी लोकतंत्र के लिए लाभकारी है.
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