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कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने 5 जनवरी को पश्चिम बंगाल पुलिस को "पूरी तरह से पक्षपाती" बताते हुए आदेश दिया कि संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों पर हुए हमले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को ट्रांसफर की जाए. साथ ही अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि इस सिलसिले में 29 फरवरी को गिरफ्तार किए गए तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता शाहजहां शेख (Shahjahan Sheikh) की हिरासत मंगलवार शाम 4:30 बजे तक सीबीआई को सौंप दी जाए. हालांकि बंगाल पुलिस ने इस आदेश को नहीं माना. यहां जानिए क्यों?
हाईकोर्ट के आदेश के कुछ घंटों बाद CBI के अधिकारी शाहजहां शेख की कस्टडी लेने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस के पास पहुंचे थे. हालांकि राज्य सरकार इससे पहले ही हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी थी.
दूसरी तरफ कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश से लैस सीबीआई के तीन अधिकारी, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवानों के साथ मंगलवार शाम 4.40 बजे सीआईडी मुख्यालय पहुंचे. मगर सीआईडी ने शाहजहां को उन्हें सौंपने से इनकार कर दिया. इसके पीछे तर्क दिया गया कि मामला पहले ही न्यायालय में है.
कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की डिविजन बेंच ने इससे पहले सिंगल बेंच के आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें ED टीम पर हमले की जांच के लिए सीबीआई और राज्य पुलिस की एक संयुक्त विशेष जांच टीम के गठन का निर्देश दिया गया था. इसके साथ ही डिविजन बेंच ने राज्य को मामले से संबंधित सभी दस्तावेजों को सीबीआई को ट्रांसफर करने का कहा था. बेंच ने मंगलवार को कहा कि उसके आदेश के बावजूद, एक मामला राज्य सीआईडी को ट्रांसफर कर दिया गया, जिसने ईडी अधिकारियों को नोटिस जारी किया.
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