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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को जयपुर (Jaipur) के एक हाल में शिक्षकों से एक सवाल करना काफी भारी पड़ गया. सवाल के जवाब ने उन्हें काफी असहज मह्सूस करा दिया.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षकों के तबादले में पैसों के लेनदेन का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा- हम सुनते हैं कि तबादले के लिए कई बार पैसे खिलाने पड़ते हैं. पता नहीं, आप बताइए सही है या नहीं, मुझे नहीं मालूम.
राजकीय समान समारोह में शामिल शिक्षकों ने पलट कर जवाब दिया - हां, देने पड़ते हैं.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को शायद इस जवाब की उम्मीद नहीं थी. जवाब सुनकर वह काफी हैरान दिखे, और बोले, "कमाल है."
मुख्यमंत्री गहलोत ने समस्या से सुनने के बाद आगे कहा
मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे कहा कि, "ट्रांसफर पॉलिसी ऐसी बन जाए, जिससे किसी की हार्ट बर्निंग न हो. अभी क्या हो रहा है कि जिसकी एमएलए और एमपी के साथ चल गई उसका हो जाता है. एमएलए आकर मंत्रीजी के कपड़े फाड़ते हैं कि मेरे तो 50 ही तबादले किए, मेरे तो 100 किए, 150 ही किए. अरे, भाई कोई अंत तो हो."
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने टीचर्स के तबादलों में पैसे चलने की बात कहकर खुद की सरकार पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. उनके इस बयान से शिक्षा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को भी असहज महसूस करना पड़ा. मामले के ऊपर डोटासरा को तत्काल सफाई भी देनी पड़ी.
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