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'डर से कैंपस नहीं छोड़ा': गुजरात यूनिवर्सिटी में नमाज पढ़ने पर विदेशी छात्रों से मारपीट

Gujarat University में कई विदेशी छात्रों पर कथित तौर पर यूनिवर्सिटी कैंपस में नमाज पढ़ने को लेकर हमला किया गया

क्विंट हिंदी
राज्य
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<div class="paragraphs"><p>गुजरात यूनिवर्सिटी में नमाज पढ़ने पर विवाद: विदेशी छात्रों से मारपीट केस में दो गिरफ्तार</p></div>
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गुजरात यूनिवर्सिटी में नमाज पढ़ने पर विवाद: विदेशी छात्रों से मारपीट केस में दो गिरफ्तार

फोटो: क्विंट हिंदी 

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"घटना के बाद से हम कैंपस से बाहर नहीं निकल पाए हैं. हमें डर है कि अगर हम बाहर गए तो वे हमें पकड़ लेंगे और पीटेंगे." यह कहना है गुजरात यूनिवर्सिटी (Gujarat University) में बीकॉम की पढ़ाई कर रहे अफगानिस्तान के एक छात्र नवीद सिद्दीकी का. नवीद उन विदेशी छात्रों में से एक हैं, जिन्हें शनिवार, 16 मार्च को यूनिवर्सिटी कैंपस में भीड़ ने निशाना बनाया था.

भीड़ ने यूनिवर्सिटी कैंपस में विदेशी छात्रों के नमाज अदा करने पर आपत्ति जताई थी.

जब छात्रों ने विरोध किया, तो झड़प शुरू हो गई - जिसके बाद पथराव, नारेबाजी और तोड़फोड़ हुई.

जिन छात्रों पर हमला हुआ वे अफगानिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, ताजिकिस्तान, श्रीलंका और अफ्रीकी देशों से थे.

'जब उन्होंने पथराव शुरू किया तो मैंने अपना दरवाजा बंद कर लिया'

नवीद सिद्दीकी 2021 में पढ़ाई करने के लिए भारत आए थे. उन्होंने द क्विंट को बताया कि यह घटना कैसे हुई. उन्होंने कहा, "मैं इफ्तार के बाद रात को गहरी नींद में सो रहा था. अचानक लोगों की 'जय श्री राम' के नारे की आवाज सुनकर मेरी नींद खुल गई. उसी पल मुझे पता चल गया कि आज कुछ बहुत गलत होने वाला है."

"मैं तीसरी मंजिल पर रहता हूं. जब झड़प हुई, तो हमें पता चला कि भीड़ कैंपस में नमाज पढ़ने वाले लोगों पर आपत्ति जता रही थी. हम यह देखने के लिए बाहर आए कि क्या हो रहा है. लेकिन जब भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया, तो मैं तुरंत छिप गया मेरे कमरे के अंदर और दरवाजा बंद कर दिया."
नवीद सिद्दीकी

सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनमें भीड़ को छात्रों पर हमला करते, पथराव करते और कैंपस में बाइकों में तोड़फोड़ करते देखा गया.

शनिवार, 16 मार्च को गुजरात यूनिवर्सिटी कैंपस में भीड़ ने कई बाइकों में तोड़फोड़ की

(फोटो: पीटीआई)

जहां सिद्दीकी उन भाग्यशाली स्टूडेंट में से थे जिन्हें कोई चोट नहीं आई. लेकिन कई अन्य इतने भाग्यशाली नहीं थे.

नवीद सिद्दीकी ने द क्विंट से कहा, "भीड़ कई छात्रों को पीटने के लिए उनके कमरों में घुस गई और कमरों को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया. मुझे चोट नहीं आई है, लेकिन मेरे कई दोस्त घायल हो गए."

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि मौके पर पहुंची पुलिस ने भीड़ को "खुली छूट" दी.

"पुलिस ने कुछ नहीं किया - हमारे पास उनके द्वारा भीड़ को जाने देने के सबूत वीडियो के रूप में हैं. हम चिल्लाते रहे, उनसे आरोपियों को हिरासत में लेने का अनुरोध करते रहे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया."
नवीद सिद्दीकी

अबतक 5 आरोपी गिरफ्तार

इस बीच, अहमदाबाद के पुलिस आयुक्त जीएस मलिक ने घटना पर कोई टिप्पणी किए बिना द क्विंट को बताया कि अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है - और शेष आरोपियों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं.

मलिक ने द क्विंट को बताया, "पहले दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था. अब तीन और लोगों को गिरफ्तार किया गया है - अब तक कुल गिरफ्तारियों की संख्या पांच हो गई है. हमने उनकी रिमांड के लिए अनुरोध किया है."

लगभग 25 लोगों के खिलाफ धारा 143 (गैरकानूनी सभा), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 147 (दंगा), 337 (जीवन को खतरे में डालकर चोट पहुंचाना) और 447 (अतिक्रमण) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

पुलिस ने कहा कि सभी आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार करने के लिए नौ टीमें गठित की गई हैं. इसके अलावा, अब तक जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, पुलिस ने उनमें से केवल दो की पहचान हितेश मेवाड़ा और भरत पटेल के रूप में की है.

मलिक ने क्विंट को यह भी बताया कि दो छात्रों - एक श्रीलंका से और दूसरा ताजिकिस्तान से - को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हालांकि, उन्होंने विदेशी छात्रों के नाम बताने से इनकार कर दिया.

उन्होंने यह भी कहा कि विदेश मंत्रालय (एमईए) विदेशी छात्रों के खिलाफ हिंसा के संबंध में जानकारी लेने के लिए गुजरात पुलिस के संपर्क में था.

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विदेशी छात्रों को नए हॉस्टल में ले जाया जाएगा

इस बीच, गुजरात यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर (वीसी) नीरजा गुप्ता ने द क्विंट से बात करते हुए कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि भीड़ यूनिवर्सिटी कैंपस में कैसे घुसी. उन्होंने कहा, ''पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इतने सारे लोग हमारी यूनिवर्सिटी में कैसे दाखिल हुए.''

उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उन छात्रों के नाम नहीं याद जिन पर हमला किया गया था.

यूनिवर्सिटी ने एक प्रेस रिलीज भी जारी किया है, जिसमें कहा गया कि विदेशी छात्रों को उनकी सुरक्षा के लिए एक नए हॉस्टल में ले जाया जाएगा और उनके कल्याण की निगरानी के लिए एक विदेशी छात्र सलाहकार समिति बनाई जाएगी. इसके अलावा, यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने हॉस्टल ब्लॉकों की कड़ी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए पूर्व सेना कर्मियों को तैनात करने का निर्णय लिया है.

मामले पर विदेश मंत्रालय की नजर

वहीं इस मामले पर विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बयान जारी करते हुए कहा है कि राज्य सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है.

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