भारत की खुदरा महंगाई (Retail inflation) दिसंबर में चार महीने के उच्चतम स्तर 5.69 प्रतिशत पर पहुंच गई. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने शुक्रवार, 12 जनवरी को आंकड़े जारी किये. जिसके अनुसार, दाल, मसाला, फलों और सब्जियों जैसे खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ने से महंगाई बढ़ी है. इससे पहले नवंबर में खुदरा महंगाई 5.5 प्रतिशत थी, वहीं अक्टूबर में 4.87 प्रतिशत रही थी.
बता दें, RBI ने महंगाई दर की रेंज 2% से 6% के बीच रखी गई है. RBI की कोशिश रहती है कि खुदरा महंगाई दर को 4% रहे.
क्या सस्ता हुआ और क्या महंगा?
उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (CPI) द्वारा मापी गई खाद्य महंगाई की वार्षिक दर नवंबर में 8.70 प्रतिशत से बढ़कर दिसंबर में 9.53 प्रतिशत हो गई.
दिसंबर में शहरी क्षेत्रों में खाद्य महंगाई दोहरे अंक में 10.42 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 8.49 प्रतिशत दर्ज की गई.
खाद्य और पेय पदार्थ खंड की महंगाई दर नवंबर में 8.02 प्रतिशत से बढ़कर दिसंबर में 8.70 प्रतिशत हो गई.
दिसंबर में सब्जियों की महंगाई दर नवंबर के 17.70 फीसदी से बढ़कर 27.64 फीसदी हो गई. दालों और मसालों की महंगाई दर दिसंबर में 20 फीसदी के स्तर पर बढ़कर क्रमश: 20.73 फीसदी और 19.69 फीसदी पर पहुंच गई.
अनाज की मुद्रास्फीति दर भी 9.93 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रही, हालांकि यह नवंबर के 10.27 प्रतिशत से थोड़ी कम थी.
सेवाओं में महंगाई दर नवंबर में 4.38 प्रतिशत से कम होकर दिसंबर में 4.07 प्रतिशत हो गई.
कपड़े और जूते की मुद्रास्फीति दर नवंबर के 3.90 प्रतिशत से घटकर दिसंबर में 3.61 प्रतिशत हो गई.
आवास मुद्रास्फीति नवंबर के 3.55 प्रतिशत से बढ़कर दिसंबर में 3.63 प्रतिशत हो गई.
ईंधन और लाइट दिसंबर में (-)0.99 प्रतिशत नकारात्मक रहा, जबकि नवंबर में (-)0.77 प्रतिशत पर था.
ग्रामीण क्षेत्रों में खुदरा मुद्रास्फीति दर नवंबर में 5.85 प्रतिशत से बढ़कर दिसंबर में 5.93 प्रतिशत हो गई.
शहरी क्षेत्रों में दिसंबर में मुद्रास्फीति प्रिंट 5.46 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि पिछले महीने में यह 5.26 प्रतिशत थी.
किस राज्य में सबसे ज्यादा महंगाई
22 प्रमुख राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में से नौ ने दिसंबर में मुद्रास्फीति दर 5.69 प्रतिशत की हेडलाइन मुद्रास्फीति दर से ऊपर दर्ज की. जिसमें सबसे अधिक महंगाई दर गुजरात में देखने को मिली.
गुजरात- 7.07 प्रतिशत
राजस्थान- 6.95 प्रतिशत
हरियाणा- 6.72 प्रतिशत
कर्नाटक- 6.65 प्रतिशत
महाराष्ट्र- 6.05 प्रतिशत
महंगाई कैसे बढ़ती है, इसे कैसे मापा जाता है?
अब महंगाई कैसे बढ़ती है और इसको कैसे मापा जाता है, इसे समझते हैं. बाजार में वस्तुओं का बढ़ना और घटना लोगों के मांग और सप्लाई पर निर्भर करता है. मान लेते हैं अगर लोगों के पास पैसे ज्यादा होगा वे बाजार जायेंगे और ज्यादा चीजें खरीदेंगे ऐसे मे चीजें खरीदने से बाजार में डिमांड बढ़ेगी और डिमांड के हिसाब से अगर सप्लाई नहीं हुई तो वस्तुओं की कीमत बढ़ने लगेगी. इस तरह चीजें महंगी हो जाती हैं.
सामान्य व्यक्ति खुदरा मार्केट से सामान खरीदते हैं. इससे जुड़ी कीमतों में हुए बदलाव को दिखाने का काम उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) करता है. यह चयनित वस्तुओं और सेवाओं के खुदरा मूल्यों के स्तर में समय के साथ बदलाव को मापता है.
CPI के चार प्रकार होते हैं-
औद्योगिक श्रमिकों (Industrial Workers-IW)
कृषि मज़दूर (Agricultural Labourer-AL)
ग्रामीण मज़दूर (Rural Labourer-RL)
CPI (ग्रामीण/शहरी/संयुक्त)
इनमें से शुरूआत के तीन को श्रम और रोगार मंत्रालय में श्रम ब्यूरो (Labor Bureau) द्वारा आकड़े इकठ्ठा किये जाते हैं. जबकि चौथे प्रकार की CPI को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (CSO) द्वारा आकड़े संकलित किये जाते हैं.
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