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हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने शनिवार को बारिश से संबंधित आपदाओं से प्रभावित लोगों के लिए मुआवजे में 25 गुना वृद्धि के साथ एक विशेष राहत पैकेज की घोषणा की है.
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार आपदा से निपटने के लिए कुल 4,500 करोड़ रुपये खर्च कर रही है, जिसमें से 750 करोड़ रुपये बहाली और पुनर्वास के लिए और 1,000 करोड़ रुपये मनरेगा के लिए खर्च किए जाएंगे.
इसके अलावा, 'कच्चे' घर को आंशिक क्षति के लिए 4,000 रुपये का मुआवजा 25 गुना बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है. पक्के मकान को आंशिक क्षति होने पर मुआवजा 6,500 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है.
सरकार गौशाला को नुकसान होने पर 3,000 रुपये की बजाय 50,000 रुपये की बढ़ी हुई आर्थिक सहायता देगी. सीएम ने कहा कि 670 दुकानों और ढाबों के साथ-साथ 8,300 गौशालाओं को नुकसान पहुंचा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि किरायेदारों के सामान की क्षति पर सरकार 50,000 रुपये की सहायता देगी. पहले यह सहायता 2,500 रुपये थी. प्रभावित लोगों की संख्या 1,909 है.
उन्होंने कहा कि राहत मैनुअल में पशु हानि का मुआवजा भी बढ़ाकर 55,000 रुपये प्रति व्यक्ति कर दिया गया है. मानसून के कहर से 96 गाय-भैंस, 16 घोड़े-गधे और छह बछड़ों की मौत हुई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से कृषि एवं बागवानी को भी भारी क्षति हुई है. उन्होंने कहा कि कृषि और बागवानी भूमि के नुकसान के लिए पहले मिलने वाले 3,615 रुपये प्रति बीघे के मुआवजे को बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया है.
प्रति बीघे 500 रुपये की फसल क्षति पर मुआवजा भी 8 गुना बढ़ाकर 4,000 रुपये कर दिया गया है. कृषि और बागवानी भूमि से गाद हटाने के लिए वित्तीय सहायता भी 1,384.61 रुपये प्रति बीघा से बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दी गई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार उन निर्माणाधीन घरों को बिजली और पानी का कनेक्शन देने का खर्च भी वहन करेगी जो पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. इन परिवारों को नया घर बनाने के लिए सरकारी दर पर सीमेंट भी उपलब्ध कराया जाएगा.
सीएम सुक्खू ने कहा कि राहत शिविरों में रहने वाले आपदा प्रभावित परिवार किराए के आवास में जा सकते हैं और सरकार अपने संसाधनों से छह महीने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में किराए के भुगतान के रूप में 5,000 रुपये और शहरी क्षेत्रों में किराए के रूप में 10,000 रुपये प्रदान करेगी.
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