Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019States Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019World Tiger Day: बाघिन की मौत के बाद बाघ ने शावकों को मरने नहीं दिया

World Tiger Day: बाघिन की मौत के बाद बाघ ने शावकों को मरने नहीं दिया

International Tiger Day 2021 पर Panna tiger reserve से अनोखी कहानी

क्विंट हिंदी
राज्य
Published:
i
null
null

advertisement

मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस (World Tiger day) पर एक बेहद दिलचस्प और अद्भुत किस्सा सामने आया है. पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna tiger reserve) में 15 मई, 2021 को बाघिन P213-32 , 4 शावकों को छोड़ कर मर गई. डर था कि शावक अब बचेंगे नहीं लेकिन पिछले ढाई महीने में शावक जंगल में न सिर्फ बच गए बल्कि स्वस्थ भी हैं. इसकी वजह है नर बाघ P243 और यही इस कहानी की खास बात है.

10 माह के चार बाघ शावक जो ढाई माह पूर्व अनाथ हो गए थे, वे अब खुले जंगल में खतरों के बीच न सिर्फ जीवित हैं, बल्कि शिकार करके के अपने प्राकृतिक गुण को सीख रहे हैं. पन्ना टाइगर रिज़र्व के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें चारों शावक घूमते हुए नजर आ रहे हैं.

उत्तम कुमार शर्मा बताते हैं कि,

"शावक 10 माह के हो चुके हैं. वह आकार में भी बड़े हो रहे हैं, इनका वजन 60-70 किलोग्राम के आसपास होगा. आत्मविश्वास से लबरेज ये चारों शावक अब आसान शिकार पर हमला भी करने लगे हैं. "
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

शावकों का पिता, बाघों के प्राकृतिक लक्षणों के खिलाफ कर रहा व्यवहार

आमतौर पर ऐसा देखा गया है कि बाघों को बाघिन से लगाव नहीं होता है, वह अपने लिए नयी साथी ढूंढ़ते रहते हैं, लेकिन यहां इन चार शावकों के पिता का व्यव्हार बाकी बाघों से अलग पाया गया है. ये बाघ उन चार शावकों का खूब ख्याल रखता है और अब उन्हें शिकार करना भी यही सिखा रहा है.

पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकरियों के अनुसार इस बाघ ने दो साल से अधिक समय तक P213-32 के साथ जोड़ा बनाया था. इसके अलावा, उसे किसी अन्य बाघिन के साथ नहीं देखा गया था. यह बाघ ,बाघिन के दाह संस्कार के एक घंटे के भीतर श्मशान स्थल पर देखा गया था. बाद में कई दिनों तक, P243 श्मशान स्थल का दौरा किया करता था और कई घंटों तक वहीं बैठा रहता था, जैसे कि श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा हो.

बाघिन की मौत के बाद रिज़र्व के लोग सभी 4 शावकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित थे. 5 हाथियों और 50 लोगों सहित एक खोज दल को शावकों को ट्रैक करने के लिए भेजा गया. 17 मई की शाम को सभी 4 शावकों का पता लगाया गया और वे स्वस्थ दिख रहे थे - न तो भूखे थे और न ही तनाव में. P243 भी आस-पास के इलाके में घूमता हुआ पाया गया था.

फील्ड डायरेक्टर की मानें तो ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है जब एक पिता अपने शावकों की देखरेख करता हो. मां के गुजरने के बाद जिस तरह नन्हें शावकों ने जंगलों की विषम परिस्थियों में अपने आप को संभाले रखा यह देखने लायक था. शावक दस महीने के हैं अगर वो चार महीने और निकाल लेते हैं तो खुद शिकार करने लग जाएंगे और फिर उनको लेकर चिंता खत्म हो जाएगी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT