advertisement
मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी (Ram Navamoi) के दिन हुई हिंसा के बाद स्थानीय प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए कुछ घरों और दुकानों पर बुलडोजर चला दिए. अब सामने आया है कि इनमें से एक घर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाया गया था. वहीं, जिला प्रशासन का दावा है कि उन्होंने अतिक्रमण वाली जमीन पर बने अवैध घरों-दुकानों को गिराया है.
खसखसवाड़ी क्षेत्र के रहने वाले अमजद खान, जिनका घर हिंसा के एक दिन बाद जिला प्रशासन द्वारा तोड़े गए 12 घरों में से एक था, ने दावा किया कि उनका घर प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत बनाया गया था.
भरी आवाज में अमजद खान ने कहा, "वो 5-6 बुलडोजर ले कर आए और उस घर को गिरा दिया, जिसके लिए अनुमति और पैसे उन्होंने खुद दिया था. मेरा घर पहले कच्चा था, लेकिन पीएम आवास योजना के तहत पैसे मिलने के बाद मैंने उसे पक्का कर लिया था. हर कोई कह रहा है कि पथराव करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के तौर पर मेरा घर तोड़ा गया, लेकिन मैंने कभी पथराव नहीं किया. मैं इस क्षेत्र से 1 किमी दूर रहता हूं और मैं एक दिहाड़ी मजदूर हूं, जो अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए रोज काम करता है. मैं एक दिन की छुट्टी नहीं ले सकता."
हालांकि, खरगोन कलेक्टर अनुग्रह पी ने दावा किया, “ये नाम पहले से ही उन लोगों की लिस्ट में थे, जिन्होंने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करके घर बनाए हैं और संयोग से उनमें से कई दंगों में शामिल थे. गिराने का अभियान पूरी तरह से कानूनी है, सभी को पहले ही सूचना दी गई थी."
खरगोन में हिंसा के बाद, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था, "मध्य प्रदेश की धरती पर दंगाइयों के लिए कोई जगह नहीं है. इन दंगाइयों की पहचान कर ली गई है, इन्हें छोड़ा नहीं जाएगा. इनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी."
वहीं, मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था, "जिस घर से पत्थर आए हैं, उस घर को ही पत्थर का ढेर बनाएंगे."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)