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कवि डॉ.कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) द्वारा लगाए गए कार पर हमले के प्रयास के आरोप गाजियाबाद पुलिस की जांच में साबित नहीं हुए हैं. गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट ने बुधवार रात 10.20 बजे X पर पोस्ट करके कहा- 'आज संज्ञान में आए प्रकरण में कुमार विश्वास के काफिले पर किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा हमले के संबंध में प्रारंभिक जांच के क्रम में आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं. थाना इंदिरापुरम पुलिस द्वारा अग्रिम जांच के क्रम में वैधानिक कार्रवाई प्रचलित है.'
दरअसल, कुमार विश्वास ने बुधवार दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर X पर एक पोस्ट किया. इसमें उन्होंने लिखा- 'आज अलीगढ़ जाते समय वसुंधरा स्थित घर से जब निकला तो हिंडन के तट पर, किसी कार चालक ने साथ चल रहे सुरक्षाकर्मियों की कार पर दोनों ओर से कार की टक्कर से हमला करने की कोशिश की. जब नीचे उतरकर सुरक्षाकर्मियों ने उस व्यक्ति को पूछताछ के लिए रोका तो उसने न केवल यूपी पुलिस के सिपाही अपितु केंद्रीय बलों के सुरक्षाकर्मियों पर भी हमला किया."
उन्होंने आगे कहा, "पुलिस को रिपोर्ट कर दी है. कारण पता नहीं चल पाया. ईश्वर सब को सुरक्षित रखे. आप सबकी शुभकामनाओं हेतु आभार."
कुमार विश्वास ने इस पोस्ट में जिस अज्ञात व्यक्ति का जिक्र किया, उनका नाम डॉक्टर पल्लव बाजपेई है. इस पोस्ट के कुछ देर बाद ही डॉक्टर पल्लव खून से लथपथ दिखे. उनके कान, नाक, मुंह और घुटने से खून निकल रहा था.
उन्होंने थाना इंदिरापुरम में एक एप्लिकेशन दी. इसमें उन्होंने बताया कि "मैं कार से हॉस्पिटल जा रहा था. रास्ते में मैंने एक पुलिस कार को साइड दी. इसके पीछे अपनी गाड़ी लगा ली. मेरे पीछे काले रंग की कार आ रही थी, जिसमें पुलिसकर्मी सवार थे. उन्होंने मुझे उतारकर मारपीट शुरू कर दी. झाड़ियों में गिराकर पीटा. गोली मारने की धमकी दी और मेरी घड़ी भी ले गए."
इसमें लिखा है- 'हम कुमार विश्वास को गृह मंत्रालय द्वारा प्रदत्त वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा के सुरक्षाकर्मी हैं. 8 नवंबर को दोपहर डेढ़ बजे हम लोग कुमार विश्वास के साथ अलीगढ़ जा रहे थे. हिंडन नदी तट के पास एक संदिग्ध कार ने हमारी कार में टकराने की कोशिश की. फिर हमारे पीछे आ रही कुमार विश्वास की गाड़ी में टक्कर मारने की कोशिश की."
शिकायत में आगे कहा गया कि "संदिग्ध गतिविधियों को देख हमने उस गाड़ी को जांच के लिए रोका. कार सवार व्यक्ति उग्र होकर मारपीट करने लगा. यूपी पुलिस के पीएसओ अमित भदौरिया का कॉलर पकड़कर धक्का दिया. जिससे उनके गले में पहचान पत्र की चेन टूट गई. फिर वो दूसरे सुरक्षाकर्मी रविकांत से भिड़ गया. उसने आक्रामक तरीके से केंद्रीय सुरक्षाकर्मियों के हथियार छीनने की कोशिश भी की. भीड़ बढ़ने पर हम कुमार विश्वास को वहां से सुरक्षित निकालकर आगे बढ़ गए."
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