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Qलखनऊ: अखिलेश बोले-कानून व्यवस्था ठप, अतीक के खिलाफ CBI की FIR

Q लखनऊ में पढ़ें उत्तर प्रदेश की तमाम बड़ी खबरें

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Q लखनऊ में पढ़ें उत्तर प्रदेश की तमाम बड़ी खबरें
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Q लखनऊ में पढ़ें उत्तर प्रदेश की तमाम बड़ी खबरें
(फोटो: Altered By Quint Hindi)

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उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ठप : अखिलेश

उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की अध्यक्ष दरवेश यादव हत्याकांड को लेकर सियासत गरम हो गई है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर इसे लेकर गुरुवार को हमला बोला. उन्होंने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एटा में दरवेश यादव के घर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने प्रदेश में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं में पुलिस की संलिप्तता की आशंका भी जताई. दरवेश की हत्या के मामले में भी अखिलेश ने पुलिस की मिलीभगत की आशंका जताई. उन्होंने कहा, "प्रदेश में यह कैसी सरकार चल रही है, जिसमें कानून-व्यवस्था ठप हो चुकी है."

अखिलेश ने कहा कि कानून-व्यवस्था के सवाल पर सरकार जवाब नहीं दे पा रही है. उन्होंने कहा, “वकीलों की चैम्बर में हत्या हो रही है. इसी तरह पत्रकारों को पुलिस पीट रही है. नाबालिग बच्चियों के साथ सूबे में बर्बरता हो रही है. अलीगढ़ और हमीरपुर में ऐसी घटनाएं हुई हैं. समाजवादी पार्टी के नेताओं की हत्या हो रही है. प्रदेश में यह हो क्या रहा है?”

उन्होंने कहा, "मैं मांग करता हूं कि उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की अध्यक्ष की हत्या की जांच सिटिंग जज से करवाई जाए. इस मामले में पुलिस की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए." अखिलेश ने कहा कि वह जल्द ही कानून-व्यवस्था को लेकर राज्यपाल से मिलेंगे. अखिलेश ने कहा, "राज्यपाल को सभी घटनाओं की जानकारी दी जाएगी, खासकर समाजवादी पार्टी के नेताओं की हत्या का मुद्दा उठाया जाएगा, क्योंकि हमारे शासन काल में उन्हें कानून-व्यवस्था की बहुत चिंता रहती थी."

कांग्रेस ने ARTRAC को मेरठ में ट्रांसफर के प्रस्ताव का विरोध किया

कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने आर्मी ट्रेनिंग कमांड (एआरटीआरएसी) को शिमला से उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थानांतरित करने की सरकार की प्रस्तावित योजना के विरोध में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है. शर्मा ने बुधवार को लिखे अपने पत्र में कहा कि वह रिटायर्ड सेवा प्रमुखों और रणनीतिक विशेषज्ञों समेत वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के विचार को देखते हुए मामले में रक्षामंत्री का हस्तक्षेप चाहते हैं. शिमला भारतीय सेना के लिए करीब 150 वर्षो से रणनीतिक स्थान बना हुआ है और यह 1864 से 1939 के बीच तत्कालीन ब्रिटिश काल के दौरान भारतीय सेना का मुख्यालय था.

शर्मा ने इसके गौरवशाली इतिहास को देखते हुए कहा, “भारत की स्वतंत्रता के बाद, पश्चिमी कमान का मुख्यालय शिमला में था और इस दौरान 1948,1965,1971 में भारत-पाक युद्ध हुए और 1962 में भारत-चीन के बीच भी युद्ध हुआ. पश्चिमी कमान को केवल 1985 में चंडीमंदिर स्थानांतरित किया गया था.”

रक्षा मंत्रालय ने इसके 1993 में स्थापना होने के बाद से 27 वर्षो में एआरटीआरएसी के लिए बड़ी संख्या में राशि और संसाधन आवंटित किया है. इस शहर के रहने वाले शर्मा ने कहा कि डायरेक्टरेट जनरल मिलिट्री ट्रेनिंग (डीजीएमटी) और एआरटीआरएसी के विलय के बाद आवास की कमी प्रस्तावित स्थानांतरण की वजह है.

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शर्मा ने कहा, "इन बड़े संस्थानों को शिमला से मेरठ स्थानांतरित किए जाने से राजकोष पर सैकड़ों करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा और इससे कोई फायदा नहीं होगा." शर्मा ने रक्षा मंत्रालय से स्थानांतरण रद्द करने का आग्रह करते हुए कहा कि इसका राज्य और शिमला पर विपरीत असर पड़ेगा.बता दें कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्षी कांग्रेस के सवाल का जवाब देते हुए 14 फरवरी को कहा था कि वह एआरटीआरएसी के कथित स्थानांतरण का विरोध करते हैं और यह मामला केंद्र के समक्ष उठाएंगे.

बार काउंसिल अध्यक्ष की हत्या के मामले में 3 के खिलाफ केस दर्ज

उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की अध्यक्ष दरवेश यादव की हत्या मामले में उनके भतीजे सनी यादव ने मनीष शर्मा, उसकी पत्नी वंदना और एक अन्य वकील विनीत गुलेचा को आरोपी के रूप में नामित किया है. मृतक दरवेश बार काउंसिल की पहली महिला प्रमुख थी, जिनकी बुधवार को एक वकील के चैंबर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वकील मनीष शर्मा ने बुधवार को दरवेश यादव पर गोलियां चलाईं, उसने बाद में खुद को सिर में गोली मार ली और उसे गंभीर हालत में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है. राज्य भर के वकीलों ने शुक्रवार को बार काउंसिल प्रमुख के सम्मान में काम नहीं करने का फैसला किया है. इस बीच, दरवेश यादव और मनीष शर्मा के बीच तल्ख रिश्ते को हत्या के पीछे का मकसद माना जा रहा है.

दोनों ने 2004 में वकालत की प्रैक्टिस शुरू की थी और कोर्ट में दोनों का एक ही चैंबर था. बुधवार देर रात एफआईआर दर्ज कराने वाले सनी यादव के मुताबिक, दरवेश यादव अक्सर शर्मा को उनके करियर में मदद करती थीं और उसे पैसे, कार और आभूषण देती थीं. सनी ने दर्ज कराई गई शिकायत में कहा, "कुछ महीने पहले, जब दरवेश यादव ने शर्मा से अपने पैसे मांगे, तो उसकी पत्नी वंदना ने दरवेश यादव को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी. मनीष शर्मा ने दरवेश के चैंबर पर कब्जा कर लिया था और उन्हें अन्य वकीलों के चैंबर से काम करना शुरू करना पड़ा था."

हत्या से ठीक पहले दरवेश साथी वकील अरविंद कुमार मिश्रा के चैंबर में बैठी थी, जहां शर्मा ने उनके साथ बहसबाजी की और फिर तीन गोलियां चलाकर कर उनकी हत्या कर दी. इसके बाद शर्मा ने खुद को भी गोली मार ली.

सनी यादव ने पत्रकारों को बताया कि एक अन्य वकील विनीत गुलेचा मास्टरमाइंड हैं और इस अपराध का कारण ईर्ष्या है. सनी ने कहा, "दरवेश की बढ़ती लोकप्रियता से गुलेचा को जलन होती थी और हत्या के लिए उसने मनीष शर्मा का इस्तेमाल किया."

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बाहुबली अतीक अहमद के खिलाफ CBI ने दर्ज की FIR

उत्तर प्रदेश के पूर्व एमपी और बाहुबली नेता अतीक अहमद पर सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया है. अतीक पर दिसंबर 2018 में रियल एस्टेट डीलर मोहित जायसवाल को किडनैप कर जेल में लाकर पीटने का आरोप है. सीबीआई ने अतीक अहमद समेत 17 अन्य आरोपियों को भी इस मामले में आरोपी बनाया है. मोहित जायसवाल को लखनऊ से अगवा किया गया था और देवरिया जेल ले जाया गया था जहां जेल में बंद डॉन अतीक अहमद और उनके सहयोगियों ने मोहित के साथ मारपीट करने के साथ ही उसकी गाड़ी पर भी कब्जा कर लिया था.

अतीक अहमद को 3 जून को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कड़ी सुरक्षा के तहत गुजरात के अहमदाबाद के एक जेल में ट्रांसफर किया गया है. उसे इलाहाबाद से एक चार्टर्ड प्लेन से ले जाया गया. हाल ही में उसे इलाहाबाद जेल में शिफ्ट किया गया था.

अहमद के इलाहाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ने की बात कहने के बाद उसे इलाहाबाद की नैनी जेल में लाया गया था. हालांकि, अहमद को अपने लिए प्रचार करने के लिए पैरोल की इजाजत देने से इनकार कर दिया गया. अहमद ने बाद में अपना नामांकन पत्र वाराणसी से दाखिल किया लेकिन इसे वापस ले लिया. अतीक अहमद 2004 में समाजवादी पार्टी से सांसद था और उस पर 2005 में बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल की हत्या का आरोप है.

मथुरा में साधु की हत्या, पेट्रोल डालकर चेहरा जलाया

उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में गुरूवार को देहात क्षेत्र में एक साधु का शव सड़क किनारे पड़ा मिला. डिश के केबल से गला घोंटकर उनकी हत्या की गई थी. हत्यारों ने पहचान मिटाने के लिए उनके चेहरे को पहले कंबल से ढका, फिर पेट्रोल डालकर बुरी तरह से जला दिया था. एसपी (देहात) आदित्य कुमार शुक्ला ने बताया, ‘‘थाना मांट के राधारानी मंदिर से पहले सड़क किनारे झाड़ियों में साधु वेशधारी का शव मिलने से सनसनी फैल गई. आसपास की तलाशी में पुलिस को प्लास्टिक बोतल भी मिली, जिसमें कुछ पेट्रोल बचा हुआ था. संभवतः उसी बोतल में लाए गए पेट्रोल से उनका चेहरा जलाया गया था.’’ उन्होंने बताया, ‘‘मृतक का चेहरा कंबल से ढका हुआ था, जो कि पूरी तरह से जल चुका था. मृतक की उम्र लगभग 55 वर्ष लग रही है. उनके गले में कण्ठीमाला, शरीर पर जनेऊ और सफेद धोती मिली है. मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.’’

घटना की जानकारी पाकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शलभ माथुर ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर मौका मुआयना किया. उन्होंने जल्द से जल्द वारदात के खुलासे और मृतक की शिनाख्त कराने के निर्देश दिए हैं. पुलिस की फॉरेंसिक टीम ने भी मौके पर पहुंचकर घटना से संबंधित तथ्य जुटाने का प्रयास किया है.

(इनपुट: IANS और भाषा)

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Published: 13 Jun 2019,05:28 AM IST

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