राज्यसभा में 3 तलाक विधेयक का विरोध करेगा JDU
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल युनाइटेड ने गुरुवार को कहा कि वह तीन तलाक के मुद्दे पर राज्यसभा में बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का समर्थन नहीं करेगी. जेडीयू के वरिष्ठ नेता और बिहार के मंत्री श्याम रजक ने कहा, "जेडीयू इसके खिलाफ है और हम इसके खिलाफ लगातार खड़े रहेंगे." रजक ने कहा कि तीन तलाक एक सामाजिक मुद्दा है और इसे सामाजिक स्तर पर समाज के द्वारा सुलझाया जाना चाहिए. रजक ने कहा कि जेडीयू ने राज्यसभा में तीन तलाक विधेयक के खिलाफ वोट दिया था. इसके पहले नीतीश कुमार ने सार्वजनिक तौर पर तीन तलाक विधेयक का विरोध किया था.
नीतीश ने हफ्ते की शुरुआत में अपना रुख दोहराते हुए कहा था कि आर्टिकल 370 को हटाने, समान नागरिक संहिता लागू करने और अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कराने के मामले या तो संवाद के जरिए सुलझाए जाएं या अदालत के आदेश के जरिए.
नीतीश ने कहा था, "यह हमारा विचार है कि आर्टिकल 370 खत्म नहीं किया जाना चाहिए. इसी तरह समान नागरिक संहिता किसी के ऊपर नहीं थोपी जानी चाहिए और अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा या तो संवाद के जरिए सुलझाया जाए या अदालत के आदेश के जरिए."
बिहार में रामविलास पासवान की LJP में फूट, बागियों ने बनाई नई पार्टी
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी में फूट पड़ गई है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और महासचिव सत्यानंद शर्मा ने पार्टी के कई अन्य पदाधिकारियों के साथ मिलकर इस्तीफा दे दिया है और एक नई पार्टी एलजेपी (सेक्युलर) का गठन किया है. शर्मा ने पासवान पर पार्टी में केवल अपने परिजनों को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया और कहा कि एलजेपी पासवान की एक पारिवारिक जागीर में तब्दील हो गई है.
“पासवान के परिवार का पार्टी पर वर्चस्व है और पार्टी में कोई आंतरिक स्वतंत्रता नहीं है.”- सत्यानंद शर्मा
बीजेपी की सहयोगी पार्टी एलजेपी ने बिहार में हुए लोकसभा चुनाव में अपनी सभी छह सीटों पर जीत दर्ज की थी. इन छह सांसदों में पासवान के परिवार के तीन सदस्य, उनके बेटे व दो छोटे भाई शामिल हैं.
चुनाव हारने पर मीसा भारती ने करोड़ों की परियोजनाओं की मंजूरी वापस ली
राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती ने अपनी सांसद निधि से 15 करोड़ रुपये की परियोजना की मंजूरी वापस ले ली. मीसा के फैसले से योजना विभाग के अधिकारी परेशान हैं. एक अधिकारी ने बताया कि उनके विभाग को परियोजना के लिए 6 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई थी और अब वापस लिए जाने पर उन्हें कागजी कार्रवाई पर काफी समय और ऊर्जा खर्च करनी पड़ेगी. विपक्ष ने भी मीसा के इस फैसले को लेकर उन पर निशाना साधा है.
खबर के मुताबिक, आम चुनावों से ठीक पहले मीसा ने पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले पटना के ग्रामीण इलाकों में विकास कार्य के लिए अपने फंड से पैसे मंजूर किए थे. चुनाव में बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम कृपाल यादव से हारने के बाद उन्होंने गुरुवार को परियोजनाओं को दी गई मंजूरी वापस ले ली. मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राज्यसभा सांसद के बतौर अपने कार्यकाल के शुरुआती वर्षों में उन्होंने सांसद निधि का इस्तेमाल नहीं किया था.
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह ‘टाइगर’ ने कहा, “इससे जनता के बीच बहुत गलत संदेश जाता है. किसी विशेष क्षेत्र के लोगों ने आपके लिए वोट किया है या नहीं, इसके आधार पर भेदभाव अलोकतांत्रिक है.” जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि यह लोकतांत्रिक परंपराओं के खिलाफ है. एक निर्वाचित प्रतिनिधि उन लोगों का भी प्रतिनिधित्व करता है जिनके वोट उसे नहीं मिले. चुनावी हार के कारण परियोजनाओं को वापस लेना उचित नहीं है.
कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेम चंद्र मिश्रा ने भी मीसा के इस फैसले को अस्वीकार करते हुए कहा कि एक बार परियोजना को मंजूरी मिल जाने के बाद इसे लागू किया जाना चाहिए. मंजूरी को वापस लेना उचित नहीं. हालांकि, मीसा इस पर अपनी प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध नहीं हो सकीं. बता दें कि किसी सांसद को अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्य करने के लिए सांसद निधि योजना के तहत हर साल 5 करोड़ रुपए आवंटित किए जाते हैं.
मुजफ्फरपुर में इंसेफेलाइटिस का कहर, अब तक 54 बच्चों की मौत
बिहार के मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के क्षेत्रों में बच्चों पर कहर बनकर टूटने वाली बीमारी 'इंसेफेलाइटिस' से पीड़ित बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है. मौसम की तल्खी और हवा में नमी की अधिकता के कारण संदिग्ध एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) और जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) नामक बीमारी से पिछले करीब दस दिनों में 54 बच्चों की मौत हो चुकी है. इनमें से 46 बच्चों को श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल और 8 बच्चों को केजरीवाल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.
इस बीच पीड़ित बच्चों को मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेमोरियल कॉलेज अस्पताल और केजरीवाल मातृ सदन अस्पताल में भर्ती होने का सिलसिला जारी है.
गोपालगंज में दिनदहाड़े कारोबारी की गोली मारकर हत्या
बिहार के गोपालगंज जिले में गुरुवार को बेखौफ बदमाशों ने एक कारोबारी की गोली मारकर हत्या कर दी. बाइक से आए हमलावरों ने कारोबारी रामाश्रय सिंह के सीने में ताबड़तोड़ 6 गोलियां मारी. इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. मृतक रामाश्रय की गिनती शहर के बड़े कारोबारियों में होती है. वह कोल्ड स्टोर और पेट्रोल पंप के मालिक थे. जानकारी के मुताबिक, भोरे इलाके में रामाश्रय सिंह नए पेट्रोल पंप का निर्माण करा रहे थे. इसी दौरान तीन बाइक पर 6 नकाबपोश अपराधी वहां पहुंचे. जब तक रामाश्रय कुछ समझ पाते, इससे पहले ही बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी.
फिलहाल हत्या की वजह साफ नहीं है. पुलिस ने आशंका जताई है कि रंगदारी नहीं देने पर अपराधियों ने वारदात को अंजाम दिया.
मृतक बिहार के समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह के करीबी बताए जा रहे हैं. दो साल पहले भी इनके पेट्रोल पंप पर अपराधियों ने फायरिंग कर लूट की घटना को अंजाम दिया था. दिनदहाड़े हुई इस वारदात से आक्रोशित व्यवसायियों ने थाने का घेराव किया. मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझा बुझाकर मामला शांत कराया.
(इनपुट: IANS और भाषा)
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