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मध्य प्रदेश के सतना में चर्च में धर्मांतरण के शक के एक मामले ने तूल पकड़ लिया है. सड़क पर विरोध प्रदर्शन और पुलिस से धक्का-मुक्की के बाद बजरंग दल ने इस मामले में अब ADM को ज्ञापन सौंपा है और कार्रवाई की मांग की है. वहीं पुलिस ने भी धर्मांतरण वाले मामले में दो पादरियों समेत 5 लोगों के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज किए हैं. हालांकि, इस मामले में पुलिस ने अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की है. पुलिस ने कहा है कि मामला विवेचना में है, जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
31 अक्टूबर को कोलगवां थाना अंतर्गत बढ़ईया टोला में चर्च ऑफ गॉड में धर्मांतरण के शक पर बजरंग दल ने मौके पर पहुंचकर इसका विरोध किया. इसकी सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराने के प्रायस में बजरंग दल को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया.
शाम तक कार्रवाई नहीं होने पर बजरंग दल के सदस्यों ने पुलिस थाने के बाहर ही विरोध किया. बजरंग दल के लोग सड़क पर बैठकर नारेबाजी करने लगे. पुलिस पर आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने कुछ कार्यकर्ताओं को घसीटकर उठाया. इस दौरान पुलिस और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं में धक्का-मुक्की हो गई. बाद कोलगवां थाना घंटों तक पुलिस छावनी में तब्दील रहा.
वहीं, इस धक्का-मुक्की के दौरान गर्भवती महिला आरक्षक प्रियंका पटेल की पेट मे चोट लग गई, जिसकी वजह से गर्भवती महिला आरक्षक कराहते हुए बेहोश होकर थाने में गिर गईं और आनन फानन में उन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया.
सड़क पर प्रदर्शन कर रहे बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को पुलिस द्वारा उठाने पर आक्रोशित बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने 1 नवंबर को जिलेभर के कार्यकर्ताओं के साथ सतना रीवा रोड स्थित सीएमए स्कूल में एकत्र होकर नारेबाजी करते हुए पुलिस पर कार्रवाई की मांग को लेकर अपर कलेक्टर राजेश शाही को ज्ञापन सौंपा.
बजरंग दल ने सीएपी महेंद्र सिंह और कोलगवां टीआई देवेंद्र सिंह चौहान को सस्पेंड करने की मांग के साथ दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR की मांग की है.
वहीं, दूसरी ओर, चर्च ने धर्मांतरण के आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि रविवार को नियमित कार्यक्रम आयोजित किया गया था. संबंधित लोगों ने कहा कि वो पहले से ही ईसाई हैं.
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