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महाराष्ट्र (Maharashtra) में मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर (Loudspeaker Row) को लेकर चल रहे विवाद पर उद्धव सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सोमवार, 13 अप्रैल को गृह विभाग ने किसी भी धार्मिक स्थल पर बिना अनुमति लाउडस्पीकर लगाने पर रोक लगा दी है. इसका मतलब अब लाउडस्पीकर लगाने के लिए पुलिस की इजाजत लेनी होगी.
IANS की रिपोर्ट के मुताबिक गृह मंत्री दिलीप वालसे-पाटिल ने सोमवार को कहा कि एक महत्वपूर्ण कदम के तहत, महाविकास अघाड़ी सरकार ने राज्य के सभी धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के उपयोग के लिए पुलिस की अनुमति अनिवार्य कर दी है.
महाराष्ट्र में अजान को लेकर उठे विवाद के बीच नासिक के पुलिस आयुक्त दीपक पांडे ने बताया कि मस्जिदों के 100 मीटर के दायरे में अजान से 15 मिनट पहले और बाद में हनुमान चालीसा या भजन बजाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
उन्होंने कहा "हनुमान चालीसा या भजन बजाने के लिए अनुमति लेनी होगी. अजान से पहले और बाद में 15 मिनट के भीतर इसकी अनुमति नहीं होगी. मस्जिदों के 100 मीटर के दायरे में इसकी इजाजत नहीं होगी. इस आदेश का उद्देश्य कानून और व्यवस्था बनाए रखना है."
लाउडस्पीकर विवाद पर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा, "महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर की राजनीति नहीं होना चाहिए. कई सालों से मस्जिद पर लाउड स्पीकर होता है, उसके बारे में क्या करना है. मुस्लिम समाज विचार कर सकता है. मुझे लगता है एक धर्म को दूसरे धर्म का आदर करना चाहिए."
वहीं सांप्रदायिक हिंसा और लाउडस्पीकर विवाद पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि, "देश के दो प्रमुख शहरों में जिस तरह से दंगे का माहौल बनाया गया है ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हैं. दिल्ली में नगर निगम चुनाव आने वाले हैं और उस चुनाव को जीतने के लिए ये सब किया जा रहा है. मुंबई में भी यही किया गया है और यहां लाउडस्पीकर का मुद्दा उठाया गया है."
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने राज्य सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि 3 मई तक सभी मस्जिदों के लाउडस्पीकर बंद करवा दिए जाएं या फिर हटा दिए जाएं. ऐसा न करने पर मनसे कार्यकर्ता जवाबी कार्रवाई में मस्जिदों के बाहर लाउडस्पीकरों पर हनुमान चालीसा बजाएंगे.
उनके इस बयान के बाद सियासत गर्मा गई थी साथ ही उनकी आलोचना भी हुई थी. जिसके बाद राज ठाकरे ने रविवार को स्पष्ट किया कि वह धार्मिक गतिविधियों के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि केवल लाउडस्पीकर के उपयोग का विरोध कर रहे हैं, जिसका सभी लोगों के लिए सामाजिक और स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है.
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