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मध्य प्रदेश के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) का एक लेटर वायरल होने के बाद से हड़कंप मच गया है. डीजीपी विवेक जौहरी ने सीधा ADG, IG, स्पेशल ADG स्तर के अधिकारियों पर उनकी सर्विस में की जा रही ढील पर सवाल उठा दिए हैं. इस लेटर के बाहर आने के बाद से पुलिस महकमे के सबसे सीनियर अधिकारियों में खलबली मच गई है.
DGP ने अपने लेटर में ये भी लिखा है कि इतने सीनियर अधिकारियों के इस तरह के रवैए से इनके नीचे काम करने वाले अधिकारियों पर बुरा असर पड़ता है. इसलिए इन अधिकारियों से डीजीपी ने निवेदन किया है वो अपने दायित्वों को सही तरीके से निभाएं.
इस मामले पर मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रह चुकीं उमा भारती ने ट्विटर पर डीजीपी विवेक जौहरी की बातों का समर्थन किया और उनकी तारीफ में कसीदे पढ़ दिए. उमा भारती ने लिखा-
इसके बाद उमा भारती ने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को टैग करते हुए लिख दिया कि ‘मध्य प्रदेश को कानून व्यवस्था के मसले पर मॉडल स्टेट बनाकर दिखाएं.’
स्थानीय पत्रकार बताते हैं कि ये चौथा पत्र है इसके पहले के तीन पत्र लीक नहीं हुए थे. लेकिन इस बार जो पत्र लिखा है उसमें अफसरों को सीधा चिन्हित करके लिखा गया है. जिन अधिकारियों की तरफ संकेत है वो अधिकारी भी DGP की रैंक के करीब करीब बराबर ही होतें हैं. जिन-जिन अधिकारियों पर इशारा करते हुए पत्र में लिखा गया है वो अब गुटबंदी करने लगे हैं.
इसके पहले कमलनाथ सरकार के वक्त से ही IPS बनाम IPS की जंग शुरू हो गई थी. हनीट्रैप कांड के सामने आने के बाद से ही लगातार इसकी जांच को लेकर कई बार पुलिस महकमे के अंदर के मतभेद सामने आए थे. हनीट्रैप कांड की जांच कर रही एसआईटी के चीफ को बार-बार बदला गया. मध्य प्रदेश में IAS अफसर बनाम IPS अफसर भी चलता रहता है.
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