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MP: DGP ने IPS अफसरों को कहा कामचोर!उमा भारती का समर्थन,पूरी कहानी

मध्य प्रदेश के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) का एक लेटर वायरल होने के बाद से हड़कंप मच गया है.

क्विंट हिंदी
राज्य
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मध्य प्रदेश के डीजीपी विवेक जौहरी और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा
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मध्य प्रदेश के डीजीपी विवेक जौहरी और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा
(Photo: Twitter/@DGP_MP)

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मध्य प्रदेश के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) का एक लेटर वायरल होने के बाद से हड़कंप मच गया है. डीजीपी विवेक जौहरी ने सीधा ADG, IG, स्पेशल ADG स्तर के अधिकारियों पर उनकी सर्विस में की जा रही ढील पर सवाल उठा दिए हैं. इस लेटर के बाहर आने के बाद से पुलिस महकमे के सबसे सीनियर अधिकारियों में खलबली मच गई है.

DGP ने अपने लेटर में अधिकारियों के नाम तो नहीं लिखे हैं, लेकिन इस ढंग से लिखा है कि सिस्टम के अंदर के सभी लोगों को पता है कि किन अधिकारियों की तरफ इशारा है. पत्र में लिखा है कि ऐसे अधिकारी जो सामान्यत ऑफिस नहीं आते, उनकी संख्या 3 है. ऐसे अधिकारी जो शाम के वक्त ऑफिस नहीं आते, इनकी संख्या 12 है. लंच ब्रेक आधे घंटे का है, लेकिन 14 अधिकारी 2-2 घंटे तक का ब्रेक लेते हैं.

DGP ने अपने लेटर में ये भी लिखा है कि इतने सीनियर अधिकारियों के इस तरह के रवैए से इनके नीचे काम करने वाले अधिकारियों पर बुरा असर पड़ता है. इसलिए इन अधिकारियों से डीजीपी ने निवेदन किया है वो अपने दायित्वों को सही तरीके से निभाएं.

DGP के सीनियर IPS अफसरों को लिखे लेटर की कॉपी(फोटो: क्विंट हिंदी)

इस मामले पर मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रह चुकीं उमा भारती ने ट्विटर पर डीजीपी विवेक जौहरी की बातों का समर्थन किया और उनकी तारीफ में कसीदे पढ़ दिए. उमा भारती ने लिखा-

मध्य प्रदेश के डीजीपी श्री विवेक जौहरी का वह पत्र जो सार्वजनिक हुआ है उसमें जो तथ्य हैं वह एक सच्चाई है. श्री विवेक जौहरी जैसा ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ, साहसी अधिकारी ही इस मुद्दे को उठाने की पात्रता रखता है. मेरे पास 1990 से शासन प्रदत्त सुरक्षा व्यवस्था रही है इसलिए मैं स्वयं इसकी साक्षी हूं कि सामान्य श्रेणी के पुलिसकर्मी एवं अधिकारी अपने कर्तव्य के प्रति जितने जागरूक एवं परिश्रमी होते हैं. उनकी तुलना में उच्च श्रेणी के पुलिस अधिकारी आलसी लापरवाह होने लग जाते हैं इसमें कुछ अपवाद भी होते हैं जो उच्च पदों पर रह करके भी उतने ही सतर्क परिश्रमी रहते हैं जितने कि वह अपने सर्विस काल के आरंभ में थे विवेक जौहरी स्वयं इसके उदाहरण हैं
उमा भारती, बीजेपी नेता
(ट्विटर स्क्रीनशॉट: उमा भारती)

इसके बाद उमा भारती ने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को टैग करते हुए लिख दिया कि ‘मध्य प्रदेश को कानून व्यवस्था के मसले पर मॉडल स्टेट बनाकर दिखाएं.’

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स्थानीय पत्रकार बताते हैं कि ये चौथा पत्र है इसके पहले के तीन पत्र लीक नहीं हुए थे. लेकिन इस बार जो पत्र लिखा है उसमें अफसरों को सीधा चिन्हित करके लिखा गया है. जिन अधिकारियों की तरफ संकेत है वो अधिकारी भी DGP की रैंक के करीब करीब बराबर ही होतें हैं. जिन-जिन अधिकारियों पर इशारा करते हुए पत्र में लिखा गया है वो अब गुटबंदी करने लगे हैं.

इसके पहले कमलनाथ सरकार के वक्त से ही IPS बनाम IPS की जंग शुरू हो गई थी. हनीट्रैप कांड के सामने आने के बाद से ही लगातार इसकी जांच को लेकर कई बार पुलिस महकमे के अंदर के मतभेद सामने आए थे. हनीट्रैप कांड की जांच कर रही एसआईटी के चीफ को बार-बार बदला गया. मध्य प्रदेश में IAS अफसर बनाम IPS अफसर भी चलता रहता है.

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Published: 08 Jun 2020,01:11 PM IST

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