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Q पटना: चमकी और लू का कहर जारी, सीएम नीतीश के खिलाफ PIL दायर

Q पटना में पढ़ें बिहार से जुड़ी बड़ी खबरें  

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Q पटना में पढ़ें बिहार से जुड़ी बड़ी खबरें  
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Q पटना में पढ़ें बिहार से जुड़ी बड़ी खबरें  
(फोटो: Altered by Quint Hindi)

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इनसेफेलाइटिस से हुई111 मौतें, लोगों ने किया सीएम का विरोध

बिहार में अब तक इनसेफेलाइटिस यानी चमकी बुखार से 111 बच्चों की मौत हो गई है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को मुजफ्फरपुर का दौरा किया, जहां सैकड़ों लोगों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन भी किया. वहीं नीतीश कुमार के खिलाफ एक जनहित याचिका भी दायर की गई है. इसमें सीएम पर उदासीनता का आरोप लगाया गया है. जिसकी सुनवाई 26 जून को होगी.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीमार बच्चों को देखा, उनसे और परिजनों से बात की और वार्ड का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने एसकेएमसीएच को 2500 बेड का अस्पताल और परिजनों के लिए धर्मशाला बनाने का निर्देश भी दिया है.

अस्पताल में मौजूद लोगों ने खराब इलाज और सुविधाओं की कमी के चलते 'मुख्यमंत्री वापस जाओ' के नारे लगाए.

लू लगने से 90 लोगों की गई जान

भयंकर गर्मी और लू की चपेट में आने से कई जिलों में पिछले तीन दिनों में 90 लोगों की मौत हो चुकी है. दूसरी ओर लोकल रिपोर्ट्स के आंकड़े कुछ और ही तस्वीर बयां कर रहे हैं. इन रिपोर्ट्स में बिहार के एक दर्जन जिलों में लोगों की मौत का आंकड़ा 250 तक पहुंचने का दावा किया गया है.

ये सभी मौतें औरंगाबाद, गया, नवादा और जमुई जिलों में हुई हैं. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की वेबसाइट के मुताबिक, मंगलवार तक लगभग 90 मौतें हो चुकी हैं. औरंगाबाद में 41, गया में 35 और नवादा में 14 लोग लू की चपेट में आकर काल के गाल में समा गए.

जून की झुलसा देने वाली गर्म हवाओं के कहर के मद्देनजर प्रशासन ने गया, बेगूसराय, दरभंगा, गोपालगंज, मधुबनी और सीतामढ़ी जिलों में धारा 144 लागू कर दी है ताकी गर्मी के दौरान ज्यादा लोग बाहर न घूमे या कहीं इकट्ठे न हो सके.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की राशि दिए जाने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं. सरकार गर्मी से सतर्क रहने और दिन के समय घर से बाहर न निकलने का परामर्श भी जारी कर चुकी है.

चमकी बुखार से हो रही मौतों की वजह से शत्रुघ्न सिन्हा के निशाने पर सरकार

मुजफ्फरपुर में हो रही इंसेफेलाइटिस के कारण बच्चों मौतों से पटना साहिब के पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा गुस्से में हैं. बिहारी बाबू ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाए हैं और सरकार को संवेदनहीन बताया है.

शत्रुघ्न सिन्हा बोले, जिस तरह से सरकार के काबिल मंत्री कह रहे हैं कि इस बीमारी का इलाज नही हैं, यह सरकार की संवेदनहीनता को ही दिखाता है. साथ ही बिहार में लू से हो रही मौतों पर सिन्हा ने सवाल उठाते हुए कहा कि जिस तरह लू से 100 लोगों से ज्यादा मौतें हुई है, अगर यही हालात रहे तो और कोई और आपदा जाए, तो यह सरकार क्या कर पाएगी?

शत्रुघ्न सिन्हा ने 2019 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था. कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन जीत नहीं पाए थे.

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सुशील मोदी ने राबड़ी से पूछे सवाल

बीजेपी नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राबड़ी देवी से उनके कार्यकाल के बारे में ट्वीट कर सवाल पूछा है.

सुशील मोदी ने ट्वीट किया, आरजेडी के लोगों को हाल के लोकसभा चुनाव के दौरान अमर्यादित टिप्पणी और तथ्यहीन आरोप लगाने के कारण जनता ने जीरो पर आउट किया, लेकिन मात्र  22 दिन बाद मौका मिलते ही उनकी पुरानी बोली फूटने लगी. राबड़ी देवी बताएं कि उनके शासन में मेडिकल कालेजों की क्या दशा थी?

सरकार के काम करने के तरीके पर राबड़ी देवी ने उठाए सवाल

बिहार की पूर्व सीएम और लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी ने इंसेफेलाइटिस से हो रहे बच्चों की मौत पर राज्य सरकार पर निशाना साधा है. राबड़ी देवी ने सरकार के कामकाज के तरीके पर सवाल उठाया है.

राबड़ी देवी ने ट्वीट कर कहा है कि ‘‘एनडीए सरकार की घोर लापरवाही, कुव्यवस्था सीएम की महामारी को लेकर अनुत्तरदाई, असंवेदनशील और अमानवीय अप्रोच, लचर और भ्रष्ट व्यवस्था, स्वास्थ्य मंत्री के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार और भ्रष्ट आचरण के कारण गरीबों के 1000 से ज्यादा मासूम बच्चों की चमकी बुखार के बहाने हत्या की गई है.’’

(इनपुट आईएएनएस, भाषा से)

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