advertisement
उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच लंबी तरकार, कई विधायकों के इस्तीफे, कांग्रेस की सरकार गिरने और राष्ट्रपति शासन लगने के बाद पुडुचेरी में अब एक बार फिर विधानसभा चुनाव होने जा रहा है. इस चुनाव के मुकाबले में कौन क्या दांव आजमा रहा है, बड़े मुद्दे और दिलचस्प पहलू क्या हैं, सियासी हवा का रुख किस ओर दिख रहा है, ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं:
पुडुचेरी विधानसभा चुनाव 2021 में कांग्रेस की अगुवाई वाले गठबंधन और BJP-AINRC-AIADMK गठबंधन के बीच लड़ाई है.
बात सीट बंटवारे की करें तो सेक्युलर डेमोक्रेटिक अलायंस (SDA) में कांग्रेस सबसे ज्यादा 14 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि एक सीट पर वो निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन कर रही है. इसके अलावा SDA की हिस्सा DMK 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. बाकी 2 सीटों में से एक-एक CPI और VCK के खाते में गई है.
दूसरी तरफ नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) में AINRC 16, BJP 9 और AIADMK 5 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं. AINRC नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एन रंगासामी दो सीटों (तत्तनचावड़ी और यनम) से चुनाव लड़ रहे हैं. 2016 का चुनाव AINRC , BJP और AIADMK ने अपने अपने दम पर लड़ा था. हालांकि, 2019 का लोकसभा चुनाव तीनों दलों ने गठबंधन में लड़ा था.
साल 2016 के विधानसभा चुनाव में BJP का प्रदर्शन काफी खराब रहा था. पार्टी ने 30 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसे एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी. दूसरी तरफ कांग्रेस ने 21 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसने 15 सीटें जीती थीं.
DMK 9 सीटों पर उतरी थी और उसे 2 सीटें मिली थीं, वहीं AIADMK ने 30 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसके खाते में 4 सीट आई थीं. AINRC भी 30 सीटों पर उतरी थी, उसने 8 सीटें जीती थीं.
C-Voter के हालिया सर्वे के मुताबिक, लोगों के बीच सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी का है, जिसे सर्वे में शामिल 25.2 फीसदी लोगों ने सबसे बड़ा मुद्दा बताया. इसके बाद बिजली/पानी/सड़क की स्थिति (28.4 फीसदी), कोरोना वायरस महामारी (13.5 फीसदी), शिक्षा सुविधाओं की स्थिति (4 फीसदी), कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा की स्थिति (3.9 फीसदी) है.
इसके अलावा और कई ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर राजनीतिक पार्टियां जोर दे रही हैं. इनमें पुडुचेरी को राज्य का दर्जा दिलाने, कपड़ा मिलों को दोबारा खोलने, विकास, भ्रष्टाचार, NEET और नई शिक्षा नीति से जुड़े मुद्दे शामिल हैं.
कांग्रेस इस चुनाव में पुडुचेरी को राज्य का दर्जा देने के मुद्दे पर BJP पर जमकर निशाना साध रही है. हाल ही में कांग्रेस नेता और पुडुचेरी के पूर्व मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने कहा कि इस मुद्दे पर BJP ने अपने घोषणापत्र में चुप्पी साध ली है.
उन्होंने सवाल किया, ‘‘अब BJP के घोषणापत्र में राज्य का दर्जा देने पर उसके रुख का जिक्र नहीं है, तो मैं जानना चाहता हूं कि AINRC की नीति क्या है.’’ हालांकि उनके इस सवाल के बाद जारी हुए AINRC के घोषणापत्र में यह मुद्दा दिखा है.
नारायणसामी ने BJP को निशाने पर लेते हुए कहा है कि वो विधानसभा चुनाव के बाद AINRC को धोखा दे देगी.
नारायणसामी का कहना है, ‘‘अगर BJP वास्तव में पुडुचेरी के विकास में रुचि रखती, तो वो उस समय भी कई योजनाओं को ला सकती थी जब AINRC ने 2014 और 2016 के बीच BJP के साथ गठबंधन किया था.’’
विधायकों के एक के बाद एक इस्तीफों के चलते नारायणसामी ने अपनी सरकार के अल्पमत में आने के बाद फरवरी में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा देने वाले नारायणसामी ने आरोप लगाया था कि पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी और केंद्र ने विपक्ष के साथ मिलकर उनकी सरकार को अस्थिर कर दिया.
नारायणसामी ने कहा है कि वह इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं क्योंकि चुनाव संबंधी कामों और कार्यक्रमों को लेकर उन्हें समन्वय करना है. उन्होंने यह भी कहा है कि उनसे फिर से मुख्यमंत्री बनने की पेशकश की जाती है तो वह इसे स्वीकार नहीं करेंगे.
नारायणसामी सरकार के गिरने के बाद कांग्रेस लगातार BJP की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर हमला बोल रही है.
पिछले दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि नारायणसामी सरकार, जनता की ओर से चुनी हुई सरकार थी, लेकिन देश के प्रधानमंत्री ने उसे काम नहीं करने दिया.
वहीं, BJP नारायणसामी सरकार को 'आपदा' बताते हुए कांग्रेस पर पलटवार कर रही है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुडुचेरी में एक रैली के दौरान कहा था, “सालों तक काम न करने वाली कांग्रेस सरकारों की लंबी लिस्ट में पुडुचेरी की पिछली सरकार का विशेष स्थान है. आलाकमान की सरकार, पुडुचेरी की दिल्ली के आलाकमान की सरकार सभी मोर्चों पर नाकाम थी.”
पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि नारायणसामी के नेतृत्व वाली सरकार शिक्षा, चिकित्सा सीटों को भरने, अनुसूचित जाति/जनजाति समुदाय के कल्याण जैसे सभी क्षेत्रों में नाकाम रही और “यहां सिर्फ लूट ही लूट थी.”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस विधायक पूर्व मुख्यमंत्री के परिवार से सीधे संबंधित भ्रष्टाचार के बारे में खुले तौर पर बात कर रहे हैं.
पुडुचेरी में BJP के पास अपना कोई बहुत मजबूत जमीनी आधार नहीं रहा है. 2016 के चुनाव के बाद बनी नारायणसामी सरकार के दौरान उसके पास बस 3 नामित सदस्यों की ही ताकत थी.
हालांकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ए नमाशिवायम जैसे बड़े नेता और ई थिप्पन्थन समेत बाकी कई नेताओं के BJP में शामिल होने के बाद पार्टी को इस केंद्र शासित प्रदेश में अपने विस्तार की उम्मीद है.
BJP के पुडुचेरी प्रभारी निर्मल कुमार सुराणा का कहना है, "NDA गठबंधन का नेतृत्व AINRC नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एन रंगास्वामी कर रहे हैं और वह राज्य के बारे में सब कुछ भलीभांति जानते हैं. हम कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं और NDA आसानी से बहुमत की ओर बढ़ रहा है."
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले दिनों BJP का 'BEST पुडुचेरी' घोषणापत्र जारी किया था. पार्टी ने इस BEST में 'B' का मतलब बिजनेस हब, 'E' का मतलब एजुकेशन हब, 'S' का मतलब स्पिरिचुअल हब और 'T' का मतलब टूरिज्म हब बताया है.
इसके अलावा घोषणापत्र में तमिल कवि सुब्रह्मण्यम भारती की 150 फीट ऊंची प्रतिमा की स्थापना और औद्योगिक विकास के लिए निवेश आकर्षित करने को वैश्विक निवेशकों का सम्मेलन आयोजित करने का वादा किया गया है.
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में पुडुचेरी को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने, सभी का मुफ्त COVID-19 टीकाकरण करने, 'NEET' और नई शिक्षा नीति को रद्द करने, गृहिणियों के लिए हर महीने 1000 रुपये की सहायता देने, मिलों को फिर से खोलने, शहीदों के परिजन की पेंशन में बढ़ोतरी करने जैसे कई वादे किए हैं.
घोषणापत्र में नगर निकाय चुनाव तत्काल कराए जाने का वादा भी किया गया है. साथ ही कांग्रेस ने पुडुचेरी यूनिवर्सिटी में हर पाठ्यक्रम में 25 सीटें पुडुचेरी के छात्रों के लिए आरक्षित करने का भी वादा किया है.
AINRC ने अपने घोषणापत्र में पुडुचेरी को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए कदम उठाने, निगम की सीमा के अंदर दोपहिया वाहनों पर हेल्मेट पहनने से छूट और सरकारी नौकरियों में आवेदन के लिए अधिकतम उम्र सीमा में बढ़ोतरी (30 से 40 साल) करने जैसे वादे किए हैं.
इसके अलावा AINRC ने इंजीनियरिंग, मेडिकल और बाकी ग्रेजुएशन पाठ्यक्रमों में सरकारी स्कूल के छात्रों के लिए 10 फीसदी आरक्षण और पुडुचेरी यूनिवर्सिटी में स्थानीय छात्रों के लिए 25 फीसदी आरक्षण देने का वादा भी किया है.
16 मार्च से 23 मार्च के बीत किए गए C-voter के एक सर्वे के मुताबिक, पुडुचेरी में इस बार NDA की सरकार बनती दिख रही है. इसके हिसाब से, NDA को 21 सीटें मिलने का अनुमान है, वहीं SDA के खाते में बाकी 9 सीटें जा सकती हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)