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राजस्थान के बारां जिले के भूलोन गांव में मारपीट से आहत दलित परिवारों के बौद्ध धर्म अपनाने का मामला सामने आया है. आरोप है कि दलित परिवारों ने राजस्थान के बारां जिले में सवर्ण समाज के लोगों की मारपीट से आहत होकर बौद्ध धर्म अपना लिया. इन लोगों ने अपने घरों से देवी-देवताओं की मूर्तियों और तस्वीरों को बारां की बैथली नदी में भी विसर्जित कर दिया. इससे पहले इन परिवारों ने जुलूस निकाल कर विरोध भी जताया.
धर्म परिवर्तन करने वाले परिवारों का आरोप है कि गांव के सरपंच और अन्य रसूखदारों ने मां दुर्गा की आरती करने पर 5 अक्टूबर को दलित युवकों को पीटा. इसकी शिकायत पुलिस में भी की गई, लेकिन ना तो पुलिस ने कार्रवाई की और न ही गांव वालों ने. आरोपियों में सरपंच प्रतिनिधि राहुल शर्मा और लालचंद लोधा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई थी.
वहीं, दूसरी तरफ पुलिस ने बताया कि मारपीट की शिकायत तो मिली है, लेकिन नामजद नहीं किए गए हैं. दूसरी तरफ प्रशासन ने 3 लोगों के बौद्धधर्म अपनाने की जानकारी सामने आना बताया है. इधर इस मामले की जानकारी जयपुर तक पहुंचने पर पुलिस और प्रशासन के आलाधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है.
बारां जिला बैरवा महासभा युवा मोर्चा के अध्यक्ष बालमुकंद बैरवा ने बताया कि भूलोन गांव में 5 अक्टूबर को राजेंद्र और रामहेत ऐरवाल ने मां दुर्गा की आरती का आयोजन किया था. दलित समुदाय के लोगों द्वारा इस कार्यक्रम के आयोजन से आक्रोशित सरपंच प्रतिनिधि राहुल शर्मा और लालचंद लोधा ने इन दोनों के साथ ना केवल मारपीट की, बल्कि गांव से निकल जाने का फरमान सुना दिया. समाज ने राष्ट्रपति से लेकर जिला प्रशासन तक न्याय की गुहार लगाई, लेकिन मारपीट के आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. यह पूरा मामला बारां छबड़ा क्षेत्र के भूलोन गांव का है.
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