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रक्षा बंधन पर 88 बहनों के भाई बने कोतवाल मनीष- राखी बंधवाकर दिया रक्षा का वादा

मनीष नागर छत्तीसगढ़ में राजयगढ़ जिला कोतवाली के टीआई हैं.

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<div class="paragraphs"><p>रायगढ़: अनाथालय की 88 बहनों के भाई बने कोतवाल मनीष-राखी बंधवा दिया रक्षा का वादा</p></div>
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रायगढ़: अनाथालय की 88 बहनों के भाई बने कोतवाल मनीष-राखी बंधवा दिया रक्षा का वादा

फोटोः क्विंट

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आज रक्षाबंधन का त्योहार है. यह त्योहार भाई-बहन के अटूट बंधन की बानगी है. इस त्योहार पर हर भाई अपनी बहनों की रक्षा करने की प्रतिज्ञा लेता है. क्योंकि, हर बहन की इच्छा होती है कि उसके सुख-दुख और सुरक्षा के लिए एक भाई हो, जो एक ढाल की तरह बहन को जीवन की तमाम परेशानियों से बचाए. लेकिन, जरा सोचिए जिस बहन का भाई न हो इस दिन उसके ऊपर क्या गुजरती होगी? रायगढ़ के चक्रधर बाल सदन में ऐसी ही 88 बहनें रहती हैं, जिनको रक्षाबंधन के दिन एक भाई मिल गया.

ऊपर जो आप तस्वीर देख रहे हैं, ये तस्वीर एक भाई की है, जो अपनी 88 बहनों से राखी बंधवा रहा है और उनको परंपरा के मुताबिक उपहार और आशीर्वाद दे रहा है. इनका नाम मनीष नागर है और ये छत्तीसगढ़ में राजयगढ़ जिला कोतवाली के टीआई हैं.

मनीष नागर उन अनाथ बच्चियों के भाई बनें हैं, जिनके भाई नहीं हैं अगर हैं भी तो उन्हें पता नहीं यहां तक की इन बच्चियों की आंखों ने तो अपने सगे संबंधियों का चेहरा तक भूल गई हैं.

88 बहनों का इकलौता भाई, राखी बंधवा लिया रक्षा करने का वादा

दरअसल, कुछ दिनों पहले एक महिला की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार कोतवाली टीआई मनीष नागर ने किया ही था. उस महिला की बेटी जो चक्रधर बाल सदन में मां की मौत के बाद रह रही हैं, उन्होंने इच्छा जाहिर की कि वह अपनी मां का अंतिम संस्कार करने वाले अपने बड़े भाई कोतवाली टीआई को राखी बांधना चाहती हैं.

बस फिर क्या था, मनीष नागर अपनी टीम के साथ बाल सदन पहुंचे और 1 नहीं बल्कि सभी 88 अनाथ बच्चियों के एकलौते भाई बने. बाल सदन की सभी बहनों ने उनकी कलाई पर राखी बांधी. परम्परा अनुसार भाई मनीष ने सभी बहनों को उपहार भी दिया. सभी को आशीर्वाद देकर उनकी रक्षा करने का वादा भी किया.

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