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अंबानी केस: महाराष्ट्र सरकार,मुंबई पुलिस के लिए मुश्किल भरे 20 दिन

एंटीलिया बम केस में होने वाले खुलासों ने महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस की छवि को नुकसान पहुंचाया

ईश्वर रंजना
राज्य
Published:
उद्धव ठाकरे
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उद्धव ठाकरे
(फोटोः PTI)

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महाराष्ट्र में महाअघाड़ी विकास गठबंधन के साथ सत्ता में आई शिवसेना सरकार को 16 महीनों में एक के बाद एक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. सत्ता संभालने के कुछ महीनों बाद ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को राज्य में कोरोना महामारी के रूप में सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा. इसके अलावा एक्टर सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस, एक्ट्रेस कंगना रनौत के साथ विवाद और TRP स्कैम में पत्रकार अर्नब गोस्वामी के साथ तकरार समेत मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को कई राजनीतिक विवादों का सामना करना पड़ा.

अब एक अन्य विवाद में उद्धव ठाकरे की सरकार की विश्वसनीयता को संदेह के घेरे में ला दिया है और मुंबई पुलिस की छवि को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया है. 25 फरवरी को मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से भरा वाहन बरामद होने का मामला महाविकास अघाड़ी सरकार को मुश्किल में डाल सकता है.

एंटीलिया बम केस के बाद, 20 दिनों में उद्धव ठाकरे और मुंबई पुलिस दोनों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं.

25 फरवरी से 17 मार्च के बीच कई खुलासे और नए मोड़

25 फरवरी: मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास 20 जिलेटिन स्टीक के साथ एक वाहन बरामद होता है. इस केस की जांच महाराष्ट्र एंटी टेररिज्म स्क्वॉड को सौंप दी जाती है.

26 फरवरी: क्राइम ब्रांच के हेड एपीआई सचिन वझे को इस केस की जिम्मेदारी सौंपी गई. पुलिस जांच में पता चला कि संदिग्ध SUV मनसुख हिरेन की है, जिन्होंने इस घटना के कुछ दिन पहले गाड़ी चोरी होने की शिकायत की थी.

1 मार्च: इस संदिग्ध वाहन से एक धमकी भरा लेटर बरामद हुआ था, जिसमें जैश-उल-हिंद ने SUV को खड़ा करने की जिम्मेदारी ली थी. हालांकि बाद में इस आतंकी संगठन ने इस बात से इनकार कर दिया और कहा कि वह लेटर फर्जी है और हम किसी भारतीय उद्योगपति के खिलाफ नहीं हैं.

5 मार्च: महाराष्ट्र के बजट सत्र में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस केस की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी से कराने की मांग की.

6 मार्च: इस घटना में बड़ा मोड़ उस वक्त आया, जब SUV के मालिक मनसुख हिरेन संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए और उनका शव मुंब्रा क्रीक से बरामद हुआ.

7 मार्च: मनसुख हिरेन की मौत के बाद, उनकी पत्नी कमला हिरेन ने एक शिकयत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने केस की जांच कर रहे थे एपीआई सचिन वझे से उनके परिवार की नजदीकियों का जिक्र किया. कमला हिरेन ने आरोप लगाया कि मनसुख, सचिन वझे को पहले से जानते थे और उनकी SUV सचिन वझे के कब्जे में थी, जो कि 5 फरवरी को मुकेश अंबानी के घर के पास खड़ी मिली. कमला हिरेन का आरोप है कि सचिन वझे ने मनसुख हिरेन को फंसाने के लिए साजिश रची और उनके पति की हत्या कर दी गई.

8 मार्च: महाराष्ट्र एंटी टेररिज्म स्क्वॉड ने मनसुख हिरेन की मौत के मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया.

8 मार्च: महाराष्ट्र विधानसभा में देवेंद्र फडणवीस ने सरकार पर हमला बोला और इस मामले में सचिन वझे को निलंबित कर गिरफ्तार करने की मांग की, साथ ही मामले की जांच NIA को सौंपे जाने की मांग की.

8 मार्च: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को केस की जांच सौंपी गई. NIA ने दोबारा से यह केस रजिस्टर्ड किया.

10 मार्च: महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने विधानसभा में कहा कि, केस की निष्पक्ष जांच के लिए सचिन वझे का क्राइम ब्रांच से ट्रांसफर कर दिया गया है.

11 मार्च: महाराष्ट्र एंटी टेररिज्म स्क्वॉड जो कि मनसुख हिरेन की मौत के मामले की जांच कर रहा था, इस मामले में उन्होंने सचिन वझे का बयान रिकॉर्ड किया.

12 मार्च: सचिन वझे ने अग्रिम जमानत के लिए सेशन कोर्ट में याचिका दायर की. हालांकि कोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया और अगली सुनवाई के लिए 19 मार्च की तारीख निर्धारित की.

13 मार्च: सुबह 11.50 बजे सचिन वझे की गिरफ्तारी के बाद NIA ने वझे से करीब 12 घंटे तक पूछताछ की.

14 मार्च: सचिन वझे को NIA की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने 25 मार्च तक वझे को राष्ट्रीय जांच एजेंसी की कस्टडी में भेज दिया.

15 मार्च: सचिन वझे को मुंबई पुलिस से निलंबित कर दिया गया. इस बीच NIA को जांच में एक सफेद इनोवा के बारे में पता चलता है, जो कथित रूप से मुंबई क्राइम ब्रांच से संबंधित होती है. ऐसा माना माना जाता है कि यह इनोवा गाड़ी, विस्फोटक से भरे उस संदिग्ध वाहन के पीछे चल रही थी जो कि 25 फरवरी को मुकेश अंबानी के घर के पास खडी मिली थी.

15 मार्च: इस मामले में बढ़ते राजनीतिक दबाव के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार, सीएम उद्धव ठाकरे से मिले. वहीं विपक्ष ने गृहमंत्री अनिल देशमुख और मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को हटाने की मांग की.

15 मार्च: राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सचिन वझे के ऑफिस की जांच की और वझे का लैपटॉप, मोबाइल फोन, आईपैड और अन्य कागजात बरामद किए.

16 मार्च: महाविकास अघाड़ी गठबंधन में मतभेद की खबरों के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उप मुख्यमंत्री अजीत पवार, मंत्री नितिन राउत, बालासाहेब थोराट, वर्षा गायकवाड़, अशोक चव्हाण और राज्य कांग्रेस के मुखिया नाना पटोले से अपने निवास पर मुलाकात की. उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने विश्वास दिलाते हुए कहा कि गठबंधन में कोई मतभेद नहीं है.

16 मार्च: एक लेटर के जरिए यह पता चला कि, इस केस में जांच अधिकारी बनने के एक दिन बाद, 27 फरवरी को सचिन वझे ने अपनी हाउसिंग सोसाइटी का दौरा किया और कथित तौर पर उपलब्ध सभी CCTV फुटेज मांगे. वजे और उनकी टीम ने थाणे की एक दुकान से कथित तौर पर CCTV फुटेज और रजिस्टर को कब्जे में लिया था. एंटीलिया बम केस में शामिल 2 वाहनों से जुड़ी फर्जी नंबर प्लेट उसी दुकान पर बनाई गई थीं.

17 मार्च: राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सचिन वझे द्वारा कथित तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली एक काली मर्सिडीज बेंच को जब्त कर लिया, साथ ही स्कॉर्पियो कार की ओरिजिनल नंबर प्लेट, 5 लाख से ज्यादा कैश, नोट गिनने की मशीन और कुछ कपड़े बरामद किए. NIA ने कहा कि सचिन वझे से जब्त किए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का डेटा डिलीट पाया गया.

17 मार्च: इस केस में बढ़ते राजनीतिक दबाव के बीच मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का ट्रांसफर कर दिया गया और हेमंत नगराले को मुंबई का नया पुलिस कमिश्नर बनाया गया.

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