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उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. पंचायत चुनाव चार चरणों में होंगे. 15 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होगा. वहीं इसके बाद 19 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. चुनाव के नतीजे 2 मई जारी होंगे.
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव के लिए आपके जिले में कब मतदान होगा, जानिए.
सहारनपुर, गाजियाबाद, रामपुर, बरेली, हाथरस, आगरा, कानपुर नगर, झांसी, महोबा, प्रयागराज, रायबरेली, हरदोई, अयोध्या, श्रावस्ती, संत कबीर नगर, गोरखपुर, जौनपुर, भदोही
मुजफ्फरनगर, बागपत, गौतमबुद्ध नगर, बिजनौर, अमरोहा, बदायूं, एटा, मैनपुरी, कन्नौज, इटावा, ललितपुर, चित्रकूट, प्रतापगढ़, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, सुल्तानपुर, गोंडा, महाराजगंज, वाराणसी, आजमगढ़
शामली, मेरठ, मुरादाबाद, पीलीभीत, कासगंज, फिरोजाबाद, औरैया, कानपुर, देहात, जालौन, हमीरपुर, फतेहपुर, उन्नाव, अमेठी, बाराबंकी, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर,देवरिया, चंदौली, मिर्जापुर, बलिया
बुलंदशहर, हापुड़, संभल, शाहजहांपुर, अलीगढ़, मथुरा, फर्रुखाबाद, बांदा, कौशांबी, सीतापुर, अंबेडकरनगर, बहराइच, बस्ती, कुशीनगर, गाजीपुर, सोनभद्र, मऊ
उत्तर प्रदेश में होने जा रहे पंचायत चुनाव के लिए योगी सरकार 'नई सीट आरक्षण नीति' लेकर आई थी. 11 फरवरी को यूपी सरकार की तरफ से जारी सरकारी आदेश में पंचायत चुनाव में आरक्षित सीटों को रोटेट करने के लिए 1995 को आधार वर्ष माना गया था.
15 मार्च को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने योगी सरकार को निर्देश दिए हैं कि 2015 के नियमों के हिसाब से ही आरक्षण को लागू किया जाए.
हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसपर कोर्ट ने 26 मार्च को फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया है, और याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने के लिए कहा है. याचिकाकर्ता की मांग थी कि सीटों का आरक्षण 1995 को आधार वर्ष मानकर किया जाए.
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