Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019CAA के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों से वसूली रकम वापस करे यूपी सरकार- सुप्रीम कोर्ट

CAA के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों से वसूली रकम वापस करे यूपी सरकार- सुप्रीम कोर्ट

बेंच ने राज्य सरकार को कानून के तहत प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की स्वतंत्रता दी है.

क्विंट हिंदी
न्यूज
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<div class="paragraphs"><p>SC ने UP सरकार से CAA प्रदर्शनकारियों से वसूले गए करोड़ों रुपये वापस करने को कहा</p></div>
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SC ने UP सरकार से CAA प्रदर्शनकारियों से वसूले गए करोड़ों रुपये वापस करने को कहा

(फोटो- 

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शुक्रवार, 18 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उत्तर प्रदेश सरकार से 2019 में नागरिका संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ आंदोलन करने वाले लोगों से वसूले गए करोड़ों रूपयों को वापस करने को कहा है. योगी सरकार ने कोर्ट से कहा कि सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के लिए वसूली नोटिस और कार्रवाई को वापस ले लिया है. इसके जवाब में कोर्ट ने वसूले गए रूपए को वापस देने के लिए कहा है.

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने कहा कि राज्य सरकार प्रदर्शनकारियों से वसूले गए करोड़ों रुपये की पूरी राशि वापस करेगी.

हालांकि, बेंच ने राज्य सरकार को कानून के तहत प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की स्वतंत्रता दी है.

बेंच ने एडिशनल एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद की इस गुजारिश को मानने से इनकार कर दिया कि प्रदर्शनकारियों और राज्य सरकार को रिफंड का निर्देश देने के बजाय दावा न्यायाधिकरण में जाने की अनुमति दी जानी चाहिए.

इससे पहले 11 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2019 में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को जारी किए गए वसूली नोटिस पर कार्रवाई करने के लिए यूपी सरकार की खिंचाई की थी. इस दौरान कोर्ट ने सरकार को कार्रवाई वापस लेने का एक अंतिम अवसर दिया था.

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कोर्ट ने कहा था कि दिसंबर 2019 में शुरू की गई कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित कानून के विपरीत थी और इसे कायम नहीं रखा जा सकता.

सुप्रीम कोर्ट एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे एडवोकेट परवेज आरिफ टीटू ने दायर किया था. याचिका में सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए जिला प्रशासन द्वारा प्रदर्शनकारियों को भेजे गए नोटिस को रद्द करने की मांग की गई थी और राज्य से इसका जवाब देने को कहा था.

याचिका में कहा गया है कि इस तरह के नोटिस एक ऐसे व्यक्ति को भी भेजे गये थे, जिनकी 6 साल पहले 94 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई थी. इसके अलावा इसमें दो ऐसे लोग भी शामिल हैं, जिनकी उम्र 90 साल से ज्यादा थी.

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Published: 18 Feb 2022,03:55 PM IST

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