मंगलवार, 8 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने समाजवादी पार्ट के नेता आजम खान (Azam Khan) को यूपी विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के लिए अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि जमानत के लिए उन्हें ट्रायल कोर्ट या इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad HighCourt) जाना चाहिए. जस्टिस एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बीआर गवई की बेंच ने कहा कि वह चार मामलों में जमानत देने की रिट याचिका पर सीधे विचार नहीं कर सकते.
लोकसभा सदस्य आजम खान अपने गृह क्षेत्र रामपुर से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. और प्रचार के लिए जमानत मांगी थी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल के दौरान दर्ज मामलों के सिलसिले में आजम खान फरवरी 2020 से जेल में बंद हैं.
आजम खान की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके खिलाफ 88 एफआईआर दर्ज हैं और जिसमें से 84 मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है. हम यहां चार मामलों में अंतरिम जमानत के लिए आए हैं, जिससे वो आगामी चुनाव प्रभावी ढंग से लड़ सकें.
आप हाईकोर्ट जाईए- SC
बेंच ने जवाब दिया कि अनुच्छेद 32 (मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए अधिकार क्षेत्र) के तहत ऐसी याचिका नहीं दायर की जा सकती है. आप जमानत के लिए अनुच्छेद 32 की याचिका कैसे दायर कर सकते हैं? आप हाई कोर्ट जाएं.
कपिल सिब्बल ने कहा कि आजम खान के खिलाफ दर्ज केस राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम है. उन्होंने कहा कि एक एफआईआर 16 साल पुरानी है और दूसरी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी से जुड़े संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आलोचना से संबंधित है.
हम कहां जाएं? हम हाई कोर्ट जाते हैं और कोर्ट को मेरी फाइल तक नहीं मिलती. मेरा मुवक्किल जेल में है, एक ही दिन में, 25 एफआईआर दर्ज की गई हैं.कपिल सिब्बल, एडवोकेट
बेंच ने कहा कि कृपया, पॉलिटिक्स को कोर्ट में न लाएं, हम उन्हें यहां से जमानत कैसे दे सकते हैं? आपको हाईकोर्ट जाना होगा, वहां के चीफ जस्टिस के समक्ष एक अनुरोध करें.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आजम खान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने और अपनी जमानत याचिकाओं के शीघ्र निपटान की मांग करने के लिए आजाद हैं.
अपनी याचिका में आजम खान ने कहा कि राज्य सरकार ने उनके जमानत आवेदनों पर कार्रवाई करने में देरी की जिससे वो चुनाव के दौरान जेल में रहें और प्रचार न कर सकें.
उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा सीटों के लिए 10 फरवरी से 7 मार्च तक सात चरणों में वोटिंग होनी है और वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी.
एसपी नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को रामपुर के स्वार से उम्मीदवार बनाया गया है, जो पिछले दो सालों से जेल में थे और जमानत पर बाहर हैं. अब्दुल्ला आजम ने 2017 का चुनाव स्वार से लड़ा और जीत हासिल की थी. दिसंबर 2019 में, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह कहते हुए उनका चुनाव रद्द कर दिया कि जब उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया तो उनकी उम्र 25 वर्ष से कम थी.
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