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(आईएएनएस)। तमिलनाडु अस्पृश्यता उन्मूलन मोर्चा (TNUEF) ने राज्य सरकार से हॉरर किलिंग के लिए अलग कानून बनाने का आह्वान किया है।
संगठन ने हॉरर किलिंग के जरिए दलितों और वंचित समुदायों के कई लोगों की जान जाने पर चिता व्यक्त करते हुए यह मांग उठाई है।
टीएनयूईएफ के महासचिव पी. सैमुअल राज ने सोमवार को एक बयान में कहा कि मोर्चा डीएमके सरकार से ऑनर किलिंग जैसी कुप्रथाओं को खत्म करने और इसके लिए एक अलग कानून बनाने की अपील करेगा।
फ्रंट यह समझने के लिए राज्य की 500 पंचायतों में सर्वेक्षण भी करेगा कि क्या अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय के लोग शौचालय, बस प्रतीक्षालय, बस स्टैंड और पंचायत कार्यालयों जैसे सार्वजनिक स्थानों तक पहुंचने में सक्षम हैं।
संगठन ने कहा कि मंदिरों और कब्रिस्तानों में अस्पृश्यता की प्रथा प्रचलित है और उसने राज्य में ऐसे 25 से अधिक अदालती मामलों को उठाया है।
मीडिया से बातचीत करते हुए सैमुअल राज ने कहा, टीएनयूईएफ छह ऑनर किलिंग के मामले लड़ रहा है और हम चाहते हैं कि राज्य सरकार अदालतों में इनसे लड़ने के लिए विशेष लोक अभियोजक नियुक्त करे।
इसके पदाधिकारियों के अनुसार, मोर्चा राज्य में अनुसूचित जाति के लोगों के भूमि से जुड़े मुद्दों को भी उठाएगा। संगठन की ओर से आरोप लगाया गया है कि दलितों और एससी को आवंटित की गई पंचमी भूमि को सवर्ण हिंदुओं ने हड़प लिया और उन पर कब्जा कर लिया है।
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