तमिलनाडु के इरोड जिले में एक नाबालिग लड़की के साथ 5 सालों से हो रहे बलात्कार का मामला सामने आया है. इतना ही नहीं यौन शोषण बाद उसके उसाइट (oocytes), जिसे एग कहा जा रहा है, को कई अस्पतालों में बेचने की बात भी सामने आयी है.
पिछले पांच वर्षों में कम से कम आठ बार नाबालिग बच्ची के उसाइट (oocytes) को राज्य के अलग-अलग अस्पतालों में बेचा गया.
आखिर क्या होता है उसाइट (oocytes)? आइए जानते हैं.
क्या होता है उसाइट?
फिट हिंदी को एक डॉक्टर ने बताया कि उसाइट ओवरी की अग्रदूत कोशिकाएं (precursor cells) होती हैं. आसान भाषा में समझें तो महिलाओं के शरीर में 2 ओवरी होती है. उसमें उसाइट यानी प्रीकर्सर सेल्स (precursor cells) होता है. शुरू में उसाइट की संख्या बढ़ती है और फिर समय के साथ मैच्योर हो कर वह ओवम बन जाता है.
ओवम को सरल भाषा में 'एग' कहते हैं, यानी कि ओवम बनने से पहले वाले स्टेज के सेल्स को उसाइट कहते हैं.
'एग' मैच्योर सेल होता है, जो स्पर्म के साथ मिल कर फर्टिलाइज होता है और उससे भ्रूण (embryo) बनता है.
ओवम बनने से पहले वाले स्टेज या चरण के सेल्स को उसाइट कहा जाता है.
डॉक्टर ने नाम नहीं बताने की शर्त के साथ बताया कि उसाइट को रेप या किसी भी तरह के शारीरिक संबंध के बाद निकालने का कोई मेडिकल तर्क नहीं है.
महिला के शरीर से उसाइट को निकालने के लिए मेडिकल सेंटर सेटअप चाहिए होता है. IVF तकनीक के लिए उसाइट का उपयोग किया जाता है.
"फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन" के लिए भी उसाइट का उपयोग किया जाता है.
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