Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019त्रिपुरा: माणिक साहा को CM का मौका-प्रतिमा भौमिक कहां पिछड़ी, आगे क्या रणनीति?

त्रिपुरा: माणिक साहा को CM का मौका-प्रतिमा भौमिक कहां पिछड़ी, आगे क्या रणनीति?

Manik Saha Oath Ceremomy: माणिक साहा के नाम पर लंबे समय तक सस्पेंस बना रहा लेकिन 6 मार्च को उनके नाम पर मुहर लग गई.

पल्लव मिश्रा
न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>माणिक साहा दूसरी बार लेंगे त्रिपुरा के सीएम पद की शपथ.</p></div>
i

माणिक साहा दूसरी बार लेंगे त्रिपुरा के सीएम पद की शपथ.

(फोटो-क्विंट हिंदी)

advertisement

त्रिपुरा (Tripura) का किला दूसरी बार भेदने वाली बीजेपी ने एक बार फिर प्रदेश की कमान माणिक साहा को सौंपने का फैसला लिया है. 70 वर्षीय साहा 8 मार्च को दूसरी बार त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. हालांकि, माणिक साहा के नाम को लेकर लंबे समय तक सस्पेंस बना रहा, लेकिन आखिरकार बीजेपी विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लग गई. केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाकर अगरतला भेजे गए असम के मंत्री परिमल सुखाबैद्य ने सोमवार शाम को विधायक दल की बैठक की मीटिंग के बाद ऐलान किया कि माणिक साहा ही त्रिपुरा के मुख्यमंत्री होंगे.

सुखाबैध ने कहा कि विधायक दल की बैठक में केंद्रीय राज्यमंत्री प्रतिमा भौमिक ने माणिक साहा के नाम का प्रस्ताव पेश किया, जिस पर सर्वसम्मति से फैसला हो गया. बीजेपी के इस फैसले के बाद अब कई सवाल उठ रहे हैं, जैसे-माणिक साहा पर पार्टी ने क्यों दोबारा भरोसा जताया? प्रतिमा भौमिक क्यों रेस में पिछड़ गईं? आईये आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.

त्रिपुरा में बीजेपी का प्लान?

दरअसल, त्रिपुरा चुनाव के ऐलान से पहले इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि बीजेपी प्रदेश में मुख्यमंत्री का चेहरा बदल देगी. इस बात को तब और बल मिल गया जब केंद्रीय राज्यमंत्री प्रतिमा भौमिक को विधानसभा चुनाव लड़वाया गया. इसके बाद से ये चर्चा और तेज हो गई कि अब त्रिपुरा में भी बीजेपी असम की तर्ज पर फैसला लेगी.

2 मार्च को नतीजों के ऐलान के बाद दिल्ली से लेकर अगरतला तक ये खबर हवा की तरह फैल गई कि बीजेपी पूर्वोत्तर में किसी महिला को मुख्यमंत्री बना सकती है और वो चेहरा कोई और नहीं बल्कि प्रतिमा भौमिक होंगी. लेकिन 6 मार्च की शाम को रहस्य से पर्दा उठ गया और तय हुआ कि माणिक साहा ही मुख्यमंत्री होंगे.

हालांकि, कई लोगों को ये बात समझ नहीं आई, उन्हें लगा कि जब साहा को ही मुख्यमंत्री बनाना था तो प्रतिमा भौमिक को क्यों चुनाव लड़वाया गया? पिछले बार के मुकाबले बीजेपी की सीट कम हुई उसके बावजूद पार्टी साहा पर दांव लगा रही है, क्या बीजेपी कुछ और सोच रही है?

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

माणिक साहा पर BJP ने क्यों दोबारा दांव लगाया?

बीजेपी ने पिछले साल मई में बिप्लब देव की जगह माणिक साहा को त्रिुपरा का सीएम बनाया था. साहा को जब सीएम पद की जिम्मेदारी दी गई थी तो उसके ठीक 9 महीने बाद विधानसभा के चुनाव होने थे, ऐसे में उनके ऊपर बड़ा दबाव था लेकिन उन्होंने इसके बावजूद प्रदेश में पार्टी को मजबूत किया और दोबारा सत्ता में वापसी की.

जानकारों की मानें तो जिस तरह से साहा ने संभावित एंटी-इनकंबेंसी और विपक्ष में एकजुट सीपीआई (एम)-कांग्रेस से लड़ने के लिए पार्टी का नेतृत्व किया, उससे हाईकमान प्रभावित था. पार्टी के बंगाली वोट बैंक को एकजुट रखने की साहा की क्षमता कुछ ऐसी थी, जिसने कई क्षेत्रों में टिपरा मोथा द्वारा टिपरालैंड राज्य की मांग से आदिवासी मतदाताओं को प्रभावित किया. इसका बीजेपी को चुनाव में फायदा हुआ. ये सभी चीजें माणिक साहा के पक्ष में गईं और पार्टी ने दोबारा उन पर भरोसा जताया.

कैसे चर्चा में आईं प्रतिमा भौमिक?

53 वर्षीय प्रतिमा भौमिक की पहचान एक साधारण और जमीन से जुड़े नेता के तौर पर होती है. बीजेपी ने उन्हें धनपुर सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ाया था, जहां उन्होंने जीत हासिल की. इस सीट को वाम मोर्चा का गढ़ माना जाता है. पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार 1998 से 2023 तक धनपुर सीट से चुनाव जीतते आए हैं. भौमिक ने 1998 और 2018 में माणिक सरकार के खिलाफ चुनाव लड़ा था लेकिन वो हार गई थीं.

कहां पिछड़ गईं प्रतिमा भौमिक?

बीजेपी भौमिक को इस बार प्रदेश की कमान सौंपना चाहती थी लेकिन अंतिम समय में फैसला बदल गया. क्विंट हिंदी से बात करते हुए वरिष्ठ पत्रकार कुमार पंकज कहते हैं;

माणिक साहा को जिस वक्त त्रिपुरा की कमान दी गई थी, उस समय प्रदेश में पार्टी का वोटबैंक घट रहा था. साहा ने बहुत ही कम समय में जिस तरह से उस वोटबैंक को बढ़ाया और उसके तहत जो रणनीति बनी उससे बीजेपी को फायदा हुआ. इस बार सीट भले ही बीजेपी की कम आई है लेकिन त्रिपुरा में उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया था, ऐसे में पार्टी हाईकमान को उनको अभी हटाना ठीक नहीं लगा.

2024 के पहले त्रिपुरा में बदलेगा चेहरा?

विधानसभा चुनाव में त्रिपुरा के डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष दोनों हार गए हैं. सूत्रों की मानें तो पार्टी जल्द ही प्रतिमा भौमिक को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकती है. उन्हें डिप्टी सीएम भी बनाया जा सकता है.

वरिष्ठ पत्रकार कुमार पंकज कहते हैं कि संभव है पार्टी लोकसभा चुनाव के बाद माणिक साहा पर कोई बड़ा फैसला ले. अगर ऐसा होता है तो प्रतिमा भौमिक को प्रदेश की कमान सौंपी जा सकती है. हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि ये लोकसभा चुनाव के पहले भी संभव है. लेकिन अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी पूर्वोत्तर में मतदाताओं को एक बड़ा संदेश देने में जरूर सफल हो सकती है.

राजनीतिक जानकारों की मानें तो, अगर पार्टी भविष्य में माणिक साहा को त्रिपुरा से हटाती है तो उन्हें केंद्र में लाया जाएगा.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT