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"BJP कहीं किसी दिन सरकार ही आउटसोर्स न कर दे": UP पुलिस के वायरल लेटर पर सियासी घमासान

अखिलेश यादव ने ट्विटर के माध्यम से बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि "भाजपा कहीं किसी दिन सरकार ही आउटसोर्स न कर दे."

पीयूष राय
न्यूज
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<div class="paragraphs"><p>"BJP कहीं किसी दिन सरकार ही आउटसोर्स न कर दे": UP पुलिस के वायरल लेटर पर सियासी घमासान</p></div>
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"BJP कहीं किसी दिन सरकार ही आउटसोर्स न कर दे": UP पुलिस के वायरल लेटर पर सियासी घमासान

(फोटो: क्विंट हिंदी)

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उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय (UP Police) से जारी एक लेटर ने यूपी सरकार को एक फिर विरोधियों और आलोचकों के निशाने पर ला दिया है. इस पत्र के माध्यम से उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से विभाग में मिनिस्ट्रियल स्टाफ की सीधी भर्ती के बजाय आउटसोर्सिंग पर विचार मांगे गए थे.

इस पत्र के सार्वजनिक पटल पर आते ही प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्विटर के माध्यम से बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि "भाजपा कहीं किसी दिन सरकार ही आउटसोर्स न कर दे."

आलोचना से बैकफुट पर आई यूपी पुलिस ने इस पत्र को निरस्त करते हुए बताया कि यह पत्र भूलवश चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के बजाय मिनिस्ट्रियल स्टाफ के लिए जारी हो गया था, जिसे निरस्त कर दिया गया है.

अखिलेश यादव के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

क्या है पूरा मामला

यूपी पुलिस उप महानिरीक्षक (स्थापना) प्रभाकर चौधरी द्वारा 10 जून 2024 को उत्तर प्रदेश के सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को लिखे पत्र में सहायक उप निरीक्षक (लिपिक) (लेखा) और (गोपनीय) को सीधी भर्ती के बजाय आउटसोर्सिंग के माध्यम से सेवाएं लिए जाने के विचार पर राय मांगी थी. पत्र में यह कारण दिया गया था कि पुलिस कार्यों में हो रही वृद्धि के कारण स्वीकृत पदों के अतिरिक्त वर्तमान में विभाग की तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु इन मिनिस्ट्रियल पदों पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से सेवाएं लिए जाने पर विचार किया जा रहा है.

कई वर्गों में हुई आलोचना के बाद पुलिस विभाग ने यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया की त्रुटिवश मिनिस्ट्रियल स्टाफ के लिए यह पत्र जारी हो गया और शासन स्तर पर ऐसा कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. लेकिन यूपी पुलिस की या सफाई आलोचकों को और खासकर विरोधियों के गले नहीं उतर रही है. अखिलेश यादव का अभी हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के दौरान दिए गए भाषण का एक अंश भी अब वायरल हो रहा है. इस भाषण के दौरान वह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि अग्निवीर 4 साल की नौकरी हो गई है. बाकी सरकारी नौकरियां आउटसोर्सिंग के माध्यम से प्राइवेट हाथों में चली जाएगी.

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह लालू ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सेना में अग्निवीर थोपने के बाद अब सरकार यूपी पुलिस में भी "अग्निवीर" ला रही है.

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