advertisement
यूपी में आगामी पंचायत चुनावों की तारीखें अभी तय नहीं हुई है, लेकिन सोशल मीडिया पर गलत दावे से ये मैसेज वायरल हो रहा है कि चुनाव आयोग ने यूपी में पंचायत चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी है.
पड़ताल में हमने पाया कि इस सोशल मीडिया पोस्ट पर दी गई तारीखें यूपी में 2019 के लोकसभा चुनावों की तारीखों से बदली गई हैं. राज्य में पंचायत चुनावों की तारीखों की घोषणा नहीं हुई है.
कई सोशल मीडिया यूजर्स ने हिंदी में ये मैसेज शेयर किया है. इसमें दावा किया जा रहा है कि यूपी में कई चरणों में चुनाव कराए जाएंगे. पहले चरण में गाजियाबाद, बागपत, कैराना, गौतम बुद्ध नगर, मेरठ, बिजनौर, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर जैसे जिलों में चुनाव कराए जाएंगे.
कुछ यूजर्स ने दो चरणों के चुनावों के बारे में लिखा है. वहीं कुछ ने ये भी दावा किया है कि चुनाव मार्च और अप्रैल में 4 से 6 चरणों में कराए जाएंगे.
'Prarabdhnews' नाम की एक वेबसाइट में भी ये दावा किया गया है कि यूपी में 11 अप्रैल से 19 मई के बीच 7 चरणों में चुनाव कराए जाएंगे. एक और वेबसाइट 'adapnews' ने भी इसी तरह का दावा किया है. हालांकि 'adapnews' में दावा किया गया है कि यूपी में चुनाव 11 मार्च से 19 अप्रैल के बीच कराए जाएंगे.
कीवर्ड सर्च करने पर हमने पाया कि वायरल मैसेज में दिख रही तारीखें और चुनाव क्षेत्र, यूपी में 2019 के लोकसभा चुनावों के शेड्यूल से हूबहू मेल खाती हैं.
चुनाव आयोग ने 10 मार्च 2019 को एक प्रेस रिलीज में ये तारीखें बताई थीं. नीचे दी गई टेबल में देखा जा सकता है कि चुनाव क्षेत्र और तारीखें वायरल मैसेज में दिख रही तारीखों और चुनाव क्षेत्र से मेल खाते हैं.
'Prarabdhnews' के चुनावों से संबंधित गलत दावे में यही तारीखें बताई गई हैं. हालांकि, 'adapnews' ने तारीखें तो वही रखी हैं, लेकिन महीनों को बदलकर अप्रैल और मई के बजाय मार्च और अप्रैल कर दिया है.
इसके अलावा, हमें चुनावों के शेड्यूल के बारे में राज्य चुनाव आयोग की वेबसाइट में ऐसी कोई घोषणा नहीं मिली और न ही पंचायती राज विभाग की कोई नई रिपोर्ट या घोषणा मिली.
5 फरवरी को जारी अधिसूचना के मुताबिक, मतदाता सूची का आखिर प्रकाशन 15 मार्च को होगा. Live Hindustan और News18 Hindi की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि ऐसी संभावना है कि चुनाव 10 से 23 अप्रैल के बीच कराए जाएं. हालांकि, राज्य चुनाव आयोग की ओर से अभी तक ऐसी कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है.
मतलब साफ है कि सोशल मीडिया पर 2019 के चुनाव शेड्यूल का इस्तेमाल करके ये झूठा दावा किया जा रहा है कि चुनाव आयोग ने यूपी में चुनाव की तारीखें जारी कर दी हैं. ये दावा झूठा है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)