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बंगाल में कांग्रेस-CPI की रैली बता पुरानी फोटो गलत दावे से वायरल

इस फोटो को शेयर करके कहा जा रहा है कि केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा है ये.

सर्वजीत सिंह चौहान
वेबकूफ
Updated:
ये फोटो 2 साल पुरानी है जिसे हाल का बताक शेयर किया जा रहा है
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ये फोटो 2 साल पुरानी है जिसे हाल का बताक शेयर किया जा रहा है
(फोटो: Altered by The Quint)

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पश्चिम बंगाल में 27 मार्च, 2021 से चुनाव शुरू हो रहे हैं. चुनावों की तारीखें तय होते ही सोशल मीडिया पर साल 2019 की लेफ्ट फ्रंट की संयुक्त रैली की एक फोटो वायरल की जा रही है. इसे इस दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है कि ये फोटो कोलकाता में हाल में आयोजित कांग्रेस और CPI(M) की संयुक्त रैली की है.

दावा

रैली में हजारों लोगों की भीड़ दिखाती इस फोटो को सोशल मीडिया पर यूजर्स अलग-अलग दावे के साथ शेयर कर रहे हैं. इस फोटो को शेयर करके कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा है ये.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)
पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)
पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)
पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

कांग्रेस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से 4 फोटो पोस्ट की गई हैं. उनमें से एक ये फोटो भी है. कैप्शन में लिखा गया है, कि इतनी बड़ी संख्या से सच का पता चल रहा है. कोलकाता में हमारी रैली में 8 लाख लोगों के जमा होने से इस सच का पता चलता है: पश्चिम बंगाल के लोग विकास, न्याय और समानता के साथ खड़े हैं, न कि घृणा, हिंसा और महापाप के साथ.

इन चार फोटो में से चौथे नंबर की फोटो को सोशल मीडिया में कई यूजर्स शेयर कर रहे हैं और लिख रहे हैं कि सबसे बड़ा राजनैतिक जमावड़ा.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)
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पड़ताल में हमने क्या पाया

हमने फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करके देखा तो हमें एक ट्वीट मिला जिसमें ये बताया गया है कि ये फोटो साल 2019 की है.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

साथ ही, हमें Peoples Democracy नाम की एक वेबसाइट पर पब्लिश 10 फरवरी, 2019 का एक आर्टिकल मिला. इस आर्टिकल में इस फोटो का इस्तेमाल किया गया था. आर्टिकल का शीर्षक था, ''WEST BENGAL: Brigade Turns into Red Sea'' . आर्टिकल में ये जानकारी थी कि 3 फरवरी 2019 को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में हजारों लोगों की भीड़ इकट्ठा हुई थी. ये रैली लेफ्ट फ्रंट ने आयोजित कराई थी.

ये फोटो साल 2019 की है.(सोर्स: स्क्रीनशॉट/peoplesdemocracy.in)

हमें 5 फरवरी 2019 को SCROll पर पब्लिश एक रिपोर्ट मिली जिसमें लिखा गया था कि कोलकाता में TMC और BJP को कॉम्टीशन देने के लिए लेफ्ट फ्रंट एक साथ आ गया है, ताकि आगामी चुनावों में अपनी ताकत दिखा सकें.

इसके अलावा, हमें PROKERALA नाम की वेबसाइट पर 3 फरवरी 2019 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली जिसमें इसी फोटो का इस्तेमाल किया गया था. इस रिपोर्ट का शीर्षक था, ''Left Front Rally''. इस रिपोर्ट में भी ये जानकारी दी गई थी कि कोलकाता में 3 फरवरी 2019 को लेफ्टिस्ट पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने 3 फरवरी 2019 की कोलकाता के परेड ग्राउंड रैली में हिस्सा लिया.

ये फोटो साल 2019 की है(सोर्स: स्क्रीनशॉट/Prokerala.com)

हमें Alamy वेबसाइट पर भी यही वायरल इमेज मिली. इसमें इस फोटो की तारीख 3 फरवरी 2019 बताई गई है.

ये फोटो 3 फरवरी 2019 में खींची गई थी(सोर्स: स्क्रीनशॉट/Alamy)

दोनों फोटो की आपस में तुलना नीचे देखी जा सकती है.

ऊपर 2019 की फोटो, नीचे वायरल फोटो(फोटो: क्विंट)

मतलब साफ है कि करीब 2 साल पुरानी फोटो को सोशल मीडिया पर हाल की बताकर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.

बता दें कि पश्चिम बंगाल में आगामी चुनावों के लिए लेफ्ट फ्रंट ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करके इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) का गठन किया है. कांग्रेस और लेफ्ट फ्रंट ने 28 फरवरी 2021 को कोलकाता में एक रैली का आयोजन किया था.

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Published: 01 Mar 2021,05:57 PM IST

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