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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें स्कूल की यूनिफॉर्म में कुछ बच्चे दिख रहे हैं, इनमें से एक बच्चा मंच पर अजान पढ़ रहा है. दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो झारखंड (Jharkhand) का है और वहां 75% आबादी मुस्लिम है इसलिए हिंदू छात्रों को भी इस्लाम धर्म की प्रार्थना में शामिल होना पड़ता है. वीडियो ऐसे वक्त पर वायरल है जब हाल में झारखंड के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों के सरकारी स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार अवकाश होने का मामला सामने आया था.
हालांकि, वायरल हो रहा वीडियो झारखंड नहीं असम का है. असम के जोरहट में स्थित 'हेमलाइ त्रान बिकाश प्राइमरी स्कूल' में एक फंक्शन के दौरान बच्चे मंच पर बारी-बारी से परफॉर्म कर रहे थे. इसी बीच एक छात्रा ने मंच पर आकर भजन गाया, फिर इसके बाद एक छात्र मंच पर आकर अचानक अज़ान सुनाने लगा. प्रशासन ने इस मामले में स्कूल को नोटिस भी भेजा है.
लेकिन, सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा ये नैरेटिव सही नहीं है कि वीडियो में सभी हिंदू छात्रों को जबरन अजान में शामिल कराया गया. स्कूल के शिक्षकों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों का भी यही कहना है कि एक छात्र ने अचानक आकर स्टेज पर अज़ान पढ़ दी, कुछ भी पहले से प्लान नहीं था.
वीडियो के साथ शेयर हो रहे कैप्शन में दावा किया जा रहा है कि झारखंड में हिंदू छात्रों को जबरन इस्लाम धर्म की इबादत में शामिल कराया जा रहा है.
वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें 6 और 7 जून की कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इसी वीडियो के विजुअल मिले. न्यूज 18 असम की रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूल में अजान का वीडियो वायरल होने के बाज जोरहाट प्रशासन ने स्कूल के प्रिंसिपल को नोटिस जारी किया है.
अब यहां से क्लू लेकर हमने मामले से जुड़ी अन्य रिपोर्ट्स सर्च करनी शुरू कीं. Times of India की 7 जून 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, असम की बीजेपी सरकार गुजरात मॉडल की तर्ज पर हर साल 'गुणोत्सव' आयोजित करती है. गुणोत्सव के तहत अधिकारी स्कूलों का दौरा करते हैं.
TOI के मुताबिक, जोरहट की जिला शिक्षा अधिकारी सुभालक्षी राजकुमारी ने स्कूल के हेडमास्टर प्रणब अरनधारा (Pranab Arandhara) को कारण बताओ नोटिस जारी किया. इस नोटिस में लिखा था कि बतौर हेडमास्टर प्रणब ने विभाग के नियमों का उल्लंघन किया.
इस रिपोर्ट में स्कूल के हेडटीचर का भी बयान है. जिसमें उन्होंने कहा है कि कार्यक्रम के बीच बच्चे ने अचानक अजान पढ़ना शुरू कर दिया था.
असम के क्षेत्रीय न्यूज चैनल Time8 की एक वीडियो रिपोर्ट भी हमें मिली. वीडियो रिपोर्ट की शुरुआत में वही वायरल क्लिप है, जिसमें बच्चा अजान देता दिख रहा है.
वीडियो रिपोर्ट में 00:22 सेकंड पर एक अधिकारी को बयान देते हुए देखा जा सकता है. लेकिन रिपोर्ट में नीचे कहीं भी ये नहीं बताया गया था कि ये अधिकारी कौन हैं. लेकिन, चूंकि मीडिया रिपोर्ट्स में जिक्र है कि मामले की जांच जोरहाट के कलेक्टर और डिप्टी कमिश्नर अशोक कुमार बरमन भी कर रहे हैं. इसलिए हमने जोरहाट कलेक्टर की इंटरनेट पर उपलब्ध तस्वीरों से वायरल वीडियो में दिख रहे अधिकारी के चेहरे की तुलना की.
हमने जोरहट डिप्टी कमिश्नर और कलेक्टर के ट्विटर हैंडल पर भी जाकर उनकी तस्वीरें और वीडियो बाइट देखीं, तो पता चला कि वीडियो में बयान देते अधिकारी भी जोरहट कलेक्टर अशोक कुमार बरमन ही हैं.
वीडियो रिपोर्ट में अशोक कुमार बरमन कहते दिख रहे हैं कि जो हुआ वो पहले से प्लान नहीं किया गया था.
साफ है - ये सच है कि वीडियो में दिख रह छात्र अजान ही पढ़ रहा है. लेकिन, ये वीडियो झारखंड का नहीं असम का है. इसके अलावा वीडियो में दिख रहे बाकी बच्चों से जबरन अजान नहीं दिलवाई जा रही. वीडियो में सिर्फ एक छात्र मंच पर अजान देता दिख रहा है. स्कूल के शिक्षकों से लेकर प्रशासन के अधिकारियों ने भी यही बताया है कि बच्चे ने कार्यक्रम के बीच में अचानक अजान पढ़ना शुरू कर दिया था, पहले से इसकी कोई प्लानिंग नहीं थी.
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