14 नेशनल टूर्नामेंट जीत चुकी झारखंड की सुप्रीति कच्छप के सपनों की उड़ान नहीं रुकेगी. क्विंट ने रिपोर्ट प्रकाशित की थी कि 13 नेशनल मेडल जीतने वाली सुप्रीति कच्छप अब अंडर-20 विश्वकप (2-7 अगस्त) खेलने कोलंबिया जा रही हैं, लेकिन उनके पास 5000 मीटर रेस में हिस्सा लेने के लिए ढंग के स्पोर्ट्स शूज ही नहीं हैं. क्विंट की इस रिपोर्ट ही असर है कि अब झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने सुप्रीति कच्छप के बैंक खाते में उसके हक के 1 लाख 55 हजार रुपए ट्रांसफर करने के आदेश जारी कर दिए हैं. साथ ही रांची की समाजसेवी संस्था आ र के मिश्रा फाउंडेशन फॉर एजुकेशनल एम्पावरमेंट ने भी उन्हें अपनी ओर से 20 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी है.
झारखंड खेल प्राधिकरण के कार्यकारी निदेशक द्वारा जारी लेटर में बैंक को यह आदेश दिया गया है कि वह सुप्रीति कच्छप के बैंक खाते में 1 लाख 55 हजार रुपए ट्रांसफर कर दे.
सुप्रीति ने क्विंंट का आभार जताया
क्विंट से बात करते हुए सुप्रीति काफी खुश हैं. क्विंट का आभार जताते हुए उन्होंने कहा, बहुत अच्छा लग रहा है, समय पर ये मदद मिल गई है. अब मैं अपने प्रैक्टिस पर फोकस कर पाऊंगी. कोलंबिया में होनेवाले विश्वकप में अपना 100% दूंगी.
सुप्रीति ने सीएम हेमंत सोरेन का भी धन्यवाद किया. साथ ही उन्हें 20 हजार रुपये की मदद पहुंचाने वाली रांची की संस्था आर के मिश्रा फाउंडेशन फॉर एजुकेशनल एम्पावरमेंट का भी धन्यवाद किया.
क्विंट की रिपोर्ट पर वरुण गांधी ने कहा- उड़ान को पंख जरूर लगेंगे, ये मेरा वादा है
रांची से 95 किलोमीटर दूर गुमला जिले के घाघरा ब्लॉक के बुरहू गांव की रहनेवाली सुप्रीति कच्छप प्रतिभा के बावजूद अपने जीवन के सबसे अहम टूर्नामेंट के पहले आर्थिक परेशानी से जूझ रही हैं. 2 से 7 अगस्त तक कोलंबिया में होने जा रहे अंडर-20 विश्वकप में भाग लेने जा रही सुप्रीति कच्छप के पास रनिंग शूज नहीं हैं. क्विंट को उन्होंने बताया था कि ‘फिलहाल जिस शूज से मैंने नेशनल रिकॉर्ड तोड़ा है, वह फटने लगे हैं. आगे जो मेरी जरूरत है, उसकी कीमत ही 20 हजार रुपए से शुरू होती है. जो कि मेरे पास नहीं हैं.’
ऐसे में जब क्विंट ने रिपोर्ट वीडियो ट्विटर पर शेयर किया तो बीजेपी नेता और सांसद वरुण गांधी ने ऊपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि
"आपका सपना पूरे देश का सपना है. आपकी उड़ान को पंख जरूर लगेंगे, ये मेरा वादा है. छोटी बहन के सपनों को पूरा करना सभी भाइयों का दायित्व है. हमें यकीन है कि आप देश के लिए मेडल भी जीतेंगी."
माओवादियों ने की थी पिता की हत्या, सुप्रीति कच्छप ने तोड़ा नेशनल रिकॉर्ड
सुप्रीति कच्छप ने अबतक 14 नेशनल टूर्नामेंट में जीत हासिल की है लेकिन बचपन से उनके सामने चुनौतियों की पहाड़ खड़ी रही. उनके पैदा होने के कुछ महीने बाद ही ट्रैजडी शुरू हो गई थी. सुप्रीति के पिता पेशे से किसान थे और साथ ही जड़ी-बूटियों से आसपास के ग्रामीणों का इलाज भी करते थे. साल 2000 में सुप्रिति जब आठ महीने की थी, उसी वक्त उनके पिता को माओवादियों ने मार दिया था.
मुआवजा के तौर पर मां को नौकरी मिली और पांच भाई -बहन में सबसे छोटी सुप्रिति को उनकी बड़ी बहन के पति ने गुमला जिला मुख्यालय के आपसास स्कूल में दाखिला दिलाया.
सुप्रीति कच्छप ने अपनी प्रतिभा के दम पर नाम बनाया. खेलो इंडिया 2022 में सुप्रीति ने 3000 मीटर की रेस केवल 9.46.14 मिनट में पूरी कर दी.
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