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सोशल मीडिया पर कई पुराने वीडियो इस दावे से शेयर किए जा रहे हैं कि तमिलनाडु (Tamilnadu) में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमला किया गया. हमने ऐसे कम से कम चार वीडियो का सच पता लगाया, जो इसी गलत दावे, इसी गलत नैरेटिव के साथ शेयर किए जा रहे हैं.
वायरल ट्रेंड को देखते हुए तमिलनाडु पुलिस के DGP ने 2 मार्च को ट्विटर पर एक स्पष्टीकरण भी जारी किया था. इस स्पष्टीकरण में DGP शैलेंद्र बाबू ने 2 वीडियो का खासतौर पर जिक्र किया था.
सोशल मीडिया पर फैल रहे भ्रामक दावों का नतीजा बिहार विधानसभा तक पहुंचा. विधानसभा में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी दोहराया कि तमिलनाडु के डीजीपी ने रिपोर्ट्स का खंडन किया है.
हालांकि, हंगामे के बाद, बिहार सरकार ने कथित तौर पर किए जा रहे दावों का सच पता लगाने के लिए अधिकारियों की एक टीम तमिलनाडु भेजने का फैसला किया है. सरकार के इस फैसले के बाद पैनिक और ज्यादा बढ़ गया.
अचानक कैसे शुरू हुआ भ्रामक दावों का सिलसिला ? : इन सबके पीछे की वजह फरवरी में सामने आया एक वीडियो हो सकता है, जिसमें तमिल बोलता दिख रहा शख्स ट्रेन में तीन प्रवासी मजदूरों से बदसुलूकी करता दिख रहा है. साथ ही उनपर ''स्थानीय लोगों के हिस्से की नौकरी लेने का'' आरोप लगा रहा है. इंग्लिश न्यूज चैनल NDTV ने भी 17 फरवरी को इस पर रिपोर्ट की थी.
अब जरा नजर डालते हैं सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कुछ वीडियोज पर और जानते हैं उनका पूरा सच.
2 मार्च को, बिहार बीजेपी ने एक वीडियो का स्क्रीनशॉट शेयर कर दावा किया कि ''जिस स्टालिन के राज में बिहारियों की हत्या हो रही है, तेजस्वी उनके साथ जन्मदिन मना रहे हैं.''
रिपोर्ट लिखे जाने तक इस ट्वीट को 1,69,700 से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं.
यही ग्राफिक केंद्रीय मंत्री अश्वनी कुमार चौबे ने रीट्वीट किया और कई यूजर्स ने शेयर किया.
पर प्रवासी मजदूरों पर हमले का ये वीडियो हैदराबाद के जियागुडा का है, तमिलनाडु का नहीं.
हमें ''South First' पोर्टल पर 23 जनवरी को छपा एक आर्टिकल मिला. आर्टिकल में उल्लेख था कि 29 वर्षीय जनगाम साइनाथ की सरेआम हत्या कर दी गई.
इस जानकारी के जरिए हमें Deccan Chronicle पर एक और रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में बताया गया था कि पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों आकाश, टिल्लू और सोनू को गिरफ्तार किया था. रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि साईनाथ की हत्या कथित तौर पर अवैध संबंधों के चलते की गई.
एक शख्स पर चाकू से हमला करते लोगों का एक और वीडियो वायरल है. ये वीडियो भी इसी दावे से शेयर किया जा रहा है कि तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों के साथ मारपीट हुई. हिंदी न्यूज चैनल एबीपी न्यूज ने इस वीडियो का स्क्रीनशॉट स्टोरी में भी इस्तेमाल किया.
वीडियो सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर अलग-अलग कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है. हम इस वीडियो का कोई भी लिंक यहां नहीं दे रहे हैं, क्योंकि ये काफी हिंसक प्रकृति का है.
क्विंट की फैक्ट चेकिंग टीम वेबकूफ पहले भी इस वीडियो की पड़ताल कर चुकी है, जब इसे गलत सांप्रदायिक रंग देकर इस भ्रामक दावे से शेयर किया गया था कि मामले में आरोपी मुस्लिम है और पीड़ित एक पुजारी.
एक और वीभत्स वीडियो शेयर हो रहा है, जिसमें चार लोग सड़क पर एक शख्स पर कुल्हाड़ी से हमला करते दिख रहे हैं.
(वीडियो गंभीर प्रकृति का होने के चलते यहां कोई लिंक नहीं दिया गया है)
क्विंट की फैक्ट चेकिंग टीम वेबकूफ 2021 में भी इस वीडियो की पड़ताल कर चुकी है
हवेरी के पुलिस अधीक्षक (SP) हनुमंत राय ने द क्विंट को बताया कि मामले में आरोपी और पीड़ित के बीच आपसी रंजिश थी. चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया.
फेसबुक पेज 'A24 News' ने 2 वीडियो शेयर किए, जिनमें से एक का सच ऊपर बताया जा चुका है. वहीं दूसरे एक समूह दूसरे समूह पर हमला करता दिख रहा है. वीडियो के साथ शेयर हो रहा कैप्शन है "तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर हों रहें अत्याचार पर क्यों मौन हैं बिहार की सरकार."
The Times of India की रिपोर्ट के मुताबिक, गोकुल एक मर्डर केस को लेकर अदालत पहुंचा था. इस दौरान जब वह अपने दोस्त मनोज के साथ चाय की दुकान पर था, तभी दोनों पर हमला हुआ. मनोज को गंभीर चोटें आई थीं पर वो भागने में सफल रहा था.
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