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एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें दिख रहा है कि एक गांव में कुछ लोग एक नेता के काफिले पर ईंट-पत्थर और बैट से हमला कर रहे हैं. अब इस वीडियो को गृहमंत्री अमित शाह का वीडियो बताकर सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है जो कि गलत दावा है.
हमने पाया कि ये वीडियो वास्तव में जनवरी 2018 का है, जब बिहार के सीएम नीतीश कुमार के काफिले पर बक्सर में हमला हुआ था.
दो मिनट से ज्यादा लंबे इस वीडियो में दिख रहा है कि भीड़ एक जा रहे काफिले पर पत्थर बरसा रही है. वीडियो में एक पुलिसकर्मी एक गाड़ी से उतरता दिख रहा है, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उसके सिर पर चोट लगी है, इसके बाद कई पुलिस वाले आते दिख रहे हैं जो भीड़ को तितर बितर करने की कोशिश कर रहे हैं. और पत्थर बरसा रहे लोगों को दौड़ा रहे हैं.
द क्विंट को वॉट्सअप हेल्पलाइन नंबर पर ये वीडियो वेरिफाई करने के लिए एक रीडर से मिला. हमने भी पाया कि ये वीडियो फेसबुक पर अमित शाह के काफिले का बताकर शेयर किया जा रहा है.
वीडियो को ध्यान से देखने पर हमें एक नंबरप्लेट दिखा- ‘BR 11T’. सर्च के बाद पता चला कि ये रजिस्ट्रेशन नंबर बिहार के पूर्णिया का है. इससे साफ होता है कि ये वीडियो बिहार की किसी घटना का है.
इसके बाद, हमने कुछ की-वर्ड्स के इस्तेमाल से बिहार के पूर्निया में हुई पत्थरबाजी की घटनाओं को ढूंढा. जिससे हमें वन इंडिया न्यूज आउटलेट का एक वीडियो मिला, ये वही वीडियो था, जिसकी हमें तलाश थी. न्यूज एजेंसी ANI की मदद से बनाए गए इस वीडियो को 12 जनवरी 2018 को अपलोड किया गया था और दिखा रहा था कि नीतीश कुमार के काफिले पर बक्सर में हमला हुआ था.
ये हासिल होने के बाद से हमने इस टाइप के न्यूज रिपोर्ट ढूंढने की कोशिश की, जिससे हमें नीतीश कुमार के बक्सर वाले काफिले के कुछ रिपोर्ट्स मिल जाएं. हमें ANI का ओरिजिनल वीडियो हाथ लगा, जो 12 जनवरी 2018 को अपलोड किया गया था. ये वीडियो भी दिखा रहा था कि बक्सर में नीतीश कुमार के काफिले पर हमला हुआ था.
हमें कुछ और न्यूज रिपोर्ट्स भी मिलीं जिससे साफ होता है कि ये घटना जनवरी, 2018 की 'विकास समीक्षा यात्रा' की है. इस दौरान सीएम नीतीश कुमार राज्यभर में विकास की योजनाओं का जायजा लेने निकले थे.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, गांव के लोग किसी बात को लेकर नाराज थे, जिसकी वजह से उन्होंने काफिले पर पत्थर बरसाए.
न्यूज 18 पर भी हमें ऐसा ही वीडियो हासिल हुआ, जिस वीडियो का ड्यूरेशन भी वायरल वीडियो के ड्यूरेशन के बराबर है और वीडियो 13 जनवरी 2018 को अपलोड किया गया था. ये साफ-साफ बताता है कि अमित शाह के काफिले पर हमले के दावे से फैलाया जा रहा वीडियो पुराना है.
ये भी बता दें कि अमित शाह की मौजूदगी में हाल-फिलहाल में बिहार में कोई भी रैली नहीं हुई है, 7 जून 2020 को अमित शाह ने बिहार के लिए एक डिजिटल वर्चुअल रैली जरूर की थी.
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