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सोशल मीडिया पर एक वायरल मैसेज में ये दावा किया जा रहा है कि इटली ने कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति की डेड बॉडी का पोस्टमार्टम किया है. दावा है कि इस पोस्टमार्टम में सामने आया कि कोरोना कोई वायरस नहीं है.
वेबकूफ की पड़ताल में ये दावा फेक निकला. इटली सरकार ने हाल में कोरोना को वायरस मानने से इनकार करता ऐसा कोई बयान जारी नहीं किया है. इटली के स्वास्थ्य विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर भी कोविड 19 को वायरस ही बताया गया है. साल 2020 में भी सोशल मीडिया पर ये झूठा दावा किया जा चुका है.
सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा मैसेज है - इटली ने किया मृत कोरोना मरीज का पोस्टमार्टम,हुआ बड़ा खुलासा इटली विश्व का पहला देश बन गया है जिसनें एक कोविड-19 से मृत शरीर पर पोस्टमार्टम किया और एक व्यापक जाँच करने के बाद पता लगाया है कि वायरस के रूप में कोविड-19 मौजूद नहीं है, बल्कि यह सब ग्लोबल घोटाला है.
साल 2020 में भी कई यूजर्स ने ये मैसेज सोशल मीडिया पर शेयर किया था. कांग्रेस नेता कुणाल चौधरी भी इनमें से एक हैं. कुणाल के ट्विटर हैंडल से ये ट्वीट 14 सितंबर, 2020 में किया गया था. रिपोर्ट लिखे जाने तक उनका ट्वीट डिलीट नहीं हुआ है. यही दावा करते अन्य यूजर्स के ट्वीट यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
वायरल मैसेज में दावा है कि इटली के वैज्ञानिकों ने पाया कि कोरोना कोई वायरस है ही नहीं और इटली इस वायरस के अस्तित्व को नकारने वाला पहला देश बन गया है. हाल की ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट हमें नहीं मिली, जिससे इस दावे की पुष्टि होती हो. रॉयटर्स की 18 अप्रैल की रिपोर्ट के मुताबिक, इटली के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आंकड़े जारी कर बताया है कि 18 अप्रैल को इटली में कोरोना वायरस से 251 मौतें हुईं.
The Local की रिपोर्ट के मुताबिक, इटली सरकार ने 16 अप्रैल को एक दिन में सर्वाधिक वैक्सीनेशन किया था.
इटली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर ऐसा कोई अपडेट हमें नहीं मिला, जिससे पुष्टि होती हो कि सरकार ने कोविड-19 को वायरस मानने से इनकार कर दिया है. अन्य देशों की तरह इटली के स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर भी कोरोना संक्रमितों की संख्या और वैक्सीनेशन से जुड़ी जानकारी दी गई है.
इटली के स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर FAQ सेक्शन में कोविड19 को वायरस ही बताया गया है. वेबसाइट पर कोविड-19 के नए स्ट्रेन के बारे में भी बताया गया है.
2020 में ये दावा किया गया था कि इटली ने कोरोना मरीज के मृत शरीर की अटॉप्सी के जरिए ये पता लगा लिया है कि ये वायरस नहीं बैक्टीरिया है और इसका इलाज कुछ दवाओं से संभव है. द क्विंट ने इस दावे की पड़ताल की थी और पड़ताल में ये दावा फेक निकला था.
मतलब साफ है - सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा फेक है कि कोविड 19 को इटली ने वायरस मानने से इनकार कर दिया है.
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