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इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज शेखर कुमार यादव ने 1 सितंबर को जारी किए एक आदेश में कहा कि सरकार को गायों के मौलिक अधिकारों के लिए एक विधेयक लाना चाहिए.
उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) में गाय वध रोकथाम अधिनियम के तहत आरोपी की जमानत याचिका रद्द करने के आदेश में जस्टिस यादव ने कहा वैज्ञानिकों का मानना है कि गाय इकलौता ऐसा पशू है, जो ऑक्सीजन ही सांस के रूप में अंदर लेती है और ऑक्सीजन ही छोड़ती है. (हिंदी अनुवाद)
हालांकि, सांस छोड़ते वक्त कुछ मात्रा में ऑक्सीजन भी बाहर छोड़ना, सिर्फ गाय नहीं हर जीव की विशेषता है. इंसान भी ऐसा ही करते हैं.
सांस के रूप में जो हवा हम अंदर लेते हैं उसमें मुख्य तौर पर ऑक्सीजन और नाइट्रोजन होता है, कुछ मात्रा में कार्बन डायोक्साइड और दूसरी गैस भी होती हैं.
बीबीसी के इस आर्टिकल में विस्तार से बताया गया है कि सांस छोड़ते वक्त भी ये सभी गैस बाहर निकलती हैं. हालांकि, उनकी मात्रा अलग होती है.
सांस लेते वक्त हम 21 प्रतिशत ऑक्सीजन लेते हैं, वहीं सांस छोड़ते वक्त 16% ऑक्सीजन बाहर छोड़ते हैं. (ये आंकड़े सटीक नहीं, संभावित हैं)
BBC की रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि हम सांस लेते वक्त 0.04% कार्बन डायोक्साइड अंदर लेते हैं. वहीं सांस छोड़ते वक्त 4% कार्बन डायोक्साइड छोड़ते हैं.
अब हमने पंजाब यूनिवर्सिटी में बॉटनी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर फीलिक्स बास्तो से संपर्क किया. उन्होंने भी यही कहा कि सांस छोड़ते वक्त ऑक्सीजन छोड़ना सिर्फ गाय की विशेषता नहीं है, हर जीव ऐसा करता है.
गाय के गोबर, गौमूत्र से जुड़े कई भ्रामक दावे पहले भी किए जा चुके हैं, जिन्हें एक्सपर्ट्स ने फेक बताया.
मंत्रियों, धार्मिक नेताओं ने गौमूत्र से कैंसर और कोरोनावायरस के इलाज का भी दावा किया. लेकिन, वैज्ञानिक तौर पर इन दावों के कोई प्रमाण नहीं मिले.
ये सच है कि गाय सांस छोड़ते वक्त भी ऑक्सीजन छोड़ती है, लेकिन ये गाय की विशेषता नहीं है. क्योंकि हर जीव सांस छोड़ते वक्त कुछ मात्रा में ऑक्सीजन छोड़ता है.
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