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DU प्रोफेसर रतन लाल को गिरफ्तार करती दिल्ली पुलिस का नहीं है ये वीडियो

Gyanvapi Masjid में मिले 'शिवलिंग' पर विवादित बयान देने वाले प्रो. रतन लाल का नहीं, Covid लॉकडाउन 2020 का है वीडियो

सर्वजीत सिंह चौहान
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p>डीयू के प्रोफेसर रतन लाल की गिरफ्तारी का नहीं है ये वीडियो</p></div>
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डीयू के प्रोफेसर रतन लाल की गिरफ्तारी का नहीं है ये वीडियो

(फोटो: Altered by the Quint)

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ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) में 'शिवलिंग' मिलने को लेकर विवादित टिप्पणी करने के आरोपी दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) के प्रोफेसर रतन लाल का बता एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी एक शख्स को लंबी छड़ से पकड़ते देखे जा सकते हैं. इस छड़ में आगे राउंड शेप में पकड़ने के लिए सांचा बना हुआ है, जिससे शख्स को पकड़ा गया है.

डीयू के हिंदू कॉलेज में हिस्ट्री प्रोफेसर रतन लाल ने शिवलिंग को लेकर एक विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट की थी, जिसके बाद उन्हें 20 मई को गिरफ्तार किया गया था. प्रोफेसर को एक दिन बाद दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट से जमानत मिल गई है.

हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि वायरल वीडियो में दिख रहा शख्स रतन लाल नहीं हैं, क्योंकि ये वीडियो 2020 में कोविड लॉकडाउन के दौरान का है. वीडियो में चंडीगढ़ पुलिस की डेवलप की गई उस डिवाइस को दिखाया गया है, जिसे कोविड नियमों का पालन न करने वालों को पकड़ने के लिए तैयार किया गया था

दावा

वीडियो शेयर कर दावे में लिखा गया, ''शिवलिंग पर घटिया और बेहूदा बयान देने वाला दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर "रतन लाल" को दिल्ली पुलिस ने धरदबोचा!''

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर दूसरे यूजर्स ने भी शेयर किया है.

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पड़ताल में हमने क्या पाया

वीडियो वेरिफिकेशन टूल InVID का इस्तेमाल कर हमने वीडियो को कई कीफ्रेम में बांटा और उनमें से कुछ पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें Indian Express पर 25 अप्रैल 2020 को पब्लिश एक रिपोर्ट मिली, जिसमें वीडियो का स्क्रीनशॉट इस्तेमाल किया गया था.

आर्टिकल की हेडलाइन थी, ''Watch: Chandigarh police’ device to catch lockdown violators, with social distancing'' (देखें: सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों को पकड़ने के लिए, चंडीगढ़ पुलिस का डिवाइस)..

ये स्टोरी 25 अप्रैल 2020 को पब्लिश हुई थी

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/Indian Express)

स्टोरी में बताया गया था कि चंडीगढ़ पुलिस ने उन लोगों से निपटने के लिए एक नई तकनीक तैयार की है, जो कोरोना लॉकडाउन नियमों का पालन नहीं करते, ताकि कोरोना के प्रसार को रोका जा सके. इसके अलावा, हमें एक रिपोर्ट Tribuneindia.com पर भी मिली, जिसमें पुलिस की डेवलप की गई डिवाइस के बारे में बताया गया था.

वायरल वीडियो को चंडीगढ़ डीजीपी ने 25 अप्रैल 2020 को ट्वीट किया था. इसमें इंग्लिश में लिखे कैप्शन का अनुवाद इस प्रकार है, ''चंड़ीगढ़ पुलिस की वीआईपी सिक्योरिटी विंग ने कोरोना नियम न मानने वालों और कर्फ्यू तोड़ने वालों से निपटने के लिए, ये अनूठा तरीका तैयार किया है. बढ़िया इक्विपमेंट, बढ़िया अभ्यास''

प्रोफेसर रतन लाल को क्यों किया गया था गिरफ्तार?

ज्ञानवापी मस्जिद में 'शिवलिंग' मिलने की घटना पर डीयू प्रोफेसर रतन लाल (Professor Ratan Lal) ने फेसबुक पोस्ट के जरिए एक विवादित बयान दिया था. इस पोस्ट के बाद से कथित रूप से धार्मिक भावना आहत करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने प्रोफेसर रतन लाल को गिरफ्तार किया था.

उन्हें IPC की धारा 153A (धर्म, जाति, जन्मस्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य फैलाने) और 295ए ( धर्म का अपमान कर किसी वर्ग की धार्मिक भावना को जानबूझकर आहत करना) के तहत मामला दर्ज कर, गिरफ्तार किया गया था.

हालांकि, कोर्ट ने प्रोफेसर रतन लाल को 50000 रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी है.

मतलब साफ है, 2020 में कोरोना लाॉकडाउन के दौरान का चंडीगढ़ का एक वीडियो इस झूठे दावे से शेयर किया गया कि वीडियो में दिल्ली पुलिस प्रोफेसर रतन लाल को गिरफ्तार कर रही है.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं )

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