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सोशल मीडिया और WhatsApp पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे हाल का बताकर शेयर किया जा रहा है. वीडियो में कुछ लोगों को रस्सी से बांधकर कुछ लोग पीटते दिख रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि गुजरात के भावनगर में पुलिस ने गुंडों को बीच सड़क में पीटा.
कुछ यूजर्स इसे गुजरात सीएम बदले जाने के बाद का बता रहे हैं. और दावे में लिख रहे हैं कि ऐसा गुजरात में नए सीएम के आने के बाद हुआ है.
बता दें कि गुजरात में 11 सितंबर को वहां के सीएम रहे विजय रुपाणी ने इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद उनकी जगह पर भूपेंद्र पटेल को सीएम नियुक्त किया गया है. उन्होंने 13 सितंबर को सीएम पद की शपथ ली थी.
हालांकि, क्विंट ने अपनी पड़ताल में पाया कि ये वीडियो सितंबर 2018 का है, जिसे हाल का बताकर शेयर किया जा रहा है.
Dilip Kashyap नाम के एक फेसबुक यूजर ने इस वीडियो को शेयर कर दावे में लिखा, ''गुजराती सिंघम...गुजरात के नए मुख्यमंत्री बनते ही रूजान आने शुरू विडियो देखे ताजा(भावनगर)''
हमने पोस्ट में दिए गए कमेंट देखे. कुछ लोगों ने रिप्लाई कर बताया था कि ये वीडियो पुराना है.
वीडियो में लिखे टेक्स्ट के मुताबिक ये वीडियो गुजरात के भावनगर का है. यहां से क्लू लेकर हमने गूगल पर घटना से जुड़े जरूरी कीवर्ड 'गुजरात पुलिस भावनगर गुंडों की पिटाई; सर्च करके देखा.
हमें 4 सितंबर 2018 को 'RG TV Royal Gujarat news' नाम के यूट्यूब हैंडल पर अपलोड किया गया एक बुलेटिन मिला.
इसमें वायरल वीडियो का इस्तेमाल किया गया था. बुलेटिन का टाइटल था, ''गुजरात के भावनगर मे पुलिस ने एक गुंडे की बीच बजार पिटाई की''
वीडियो में चल रहे वॉयस ओवर में ये बताया गया कि पुलिस ने कुख्यात गुंडों की पिटाई की, जिसे लोगों ने खूब सराहा.
इसके अलावा, हमें यही वीडियो News18 Gujarati पर भी मिला जिसे 1 सितंबर 2018 को अपलोड किया गया था. वीडियो का टाइटल था, ''भावनगर पुलिस ने निकाला शैलेश धंडालिया का जुलूस''.
हमें Times of India की 29 अगस्त 2018 को पब्लिश एक और रिपोर्ट मिली. जिसके मुताबिक पुलिस ने तीन लोगों शैलेश धंडालिया और उसके दो साथी मुकेश शियाल और भद्रेश गोस्वामी को 17 अगस्त को गिरफ्तार किया था. रिपोर्ट के मुताबिक तीनों पर योगेश परमार नाम के एक शख्स पर जमीन के विवाद में फायरिंग करने का आरोप था.
मतलब साफ है कि वीडियो तो गुजरात का ही है, लेकिन हाल का नहीं है. ये 2018 का वीडियो है जिसे हाल का बताकर सोशल मीडिया पर इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि गुजरात पुलिस में ये बदलाव वहां नए मुख्यमंत्री के कार्यभार संभालने के बाद आया है.
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