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मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) और राजस्थान (Rajasthan) में विधानसभा चुनावों की सरगर्मी तेज हो चुकी हैं. और इसी के साथ शुरू हो चुका है इन राज्यों से जुड़ी फेक न्यूज का सोशल मीडिया पर दस्तक देना. AI से जुड़े ऐसे भ्रामक दावों का सिलसिला भी जारी है, जिन्हें सच मानकर लोगों को इंसानों पर खतरे का डर सता सकता है. कनाडा - भारत के बीच चल रहे विवाद को लेकर भी भ्रामक दावों का सिलसिला इस हफ्ते चलता रहा. एक नजर में जानिए इस हफ्ते के सभी भ्रामक दावों का सच.
कन्हैयालाल मर्डर केस और जयपुर में आपसी झगड़े में मारे गए इकबाल से जोड़कर दावा किया जा रहा है कि दोनों के परिवारों को मिलने वाली मुआवजे की राशि में धर्म के आधार पर भेदभाव किया गया है.
हमने दोनों मामलों में मिलने वाले मुआवजे की राशि से जुड़ी पड़ताल की और पाया कि इकबाल और कन्हैयालाल, दोनों ही मामलों में राजस्थान सरकार ने परिवार को 50 लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की. कन्हैयालाल हत्याकांड में गहलोत सरकार ने पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए की धनराशि और मृतक के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया था.
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महिला प्रदर्शनकारियों को लाठियां बरसाती पुलिस का वीडियो मध्यप्रदेश का बताकर शेयर हो रहा है.
वीडियो मध्य प्रदेश का नहीं, बल्कि झारखंड के रांची का है और सितंबर 2019 का है. वीडियो में पुलिस आंगनवाड़ी सेविका सहायिक संघ की कार्यकर्ताओं को पीटती दिख रही है.
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प्रियंका गांधी के भाषण का एक हिस्सा शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उन्होंने कांग्रेस नेताओं को स्वार्थी और पॉवर का भूखा बताया.
वीडियो एडिटेड है. 21 सितंबर को दिए इस भाषण के असली वीडियो में प्रियंका गांधी छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेताओं की तारीफ करती दिख रही हैं. वीडियो के अलग-अलग हिस्सों के साथ कांट-छांट कर ये भ्रामक दावा किया जा रहा है.
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वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि अब रोबोटिक तकनीक इतने आगे निकल चुकी है कि, रोबोट स्पोर्ट्स में इंसानों से बेहतर हो चुके हैं.
वीडियो को एडिटिंग के जरिए बदला गया है और इंसान की जगह रोबोट जोड़ा गया है. हमें TikTok पर वीडियो का बिना एडिट किया हुआ ओरिजनल वर्जन मिला. इसे इसी साल अगस्त में अपलोड किया गया था.
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दावा किया जा रहा है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कैनरा बैंक को कनाडा की संस्था समझकर उसके सामने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. ये दावा ऐसे वक्त पर किया जा रहा है जब भारत और कनाडा के संबंधों में खटास चल रही है.
वायरल फोटो को एडिट कर कैनरा बैंक का बोर्ड दिखाया गया है. ओरिजनल फोटो साल 2020 से ही इंटरनेट पर है और ये तमिलनाडु के ऊटी में हुए एक प्रदर्शन के दौरान ली गई थी.
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