सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें पुलिसकर्मी महिला प्रदर्शनकारियों पर लाठी बरसाते दिख रहे हैं.
क्या है दावा?: वीडियो शेयर कर इसे मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में हाल की घटना का बताया जा रहा है. दावे में लिखा जा रहा है, ''जहां-जहां बीजेपी शासित राज्य है, जनता वहां बहुत खुश है, देख लीजिए,,?? मध्यप्रदेश में 'महिला आरक्षण बिल' पास होने पर लाड़ली बहना को बधाई देता मामा का पुलिसवाला''
बता दें कि 20 सितंबर को लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में महिला आरक्षण बिल पारित हो गया है.
(ऐसे और भी पोस्ट के आर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं.)
सच क्या है?: ये वीडियो मध्य प्रदेश का नहीं, बल्कि झारखंड के रांची का है और सितंबर 2019 का है.
वीडियो में पुलिस आंगनवाड़ी सेविका सहायिक संघ की कार्यकर्ताओं को पीटती दिख रही है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: वीडियो के कई कीफ्रेम निकालकर हमने उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च किया. इससे हमें कई पुरानी न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें इस वीडियो का इस्तेमाल किया गया था.
The Quint की 25 सितंबर 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड के रांची में विरोध प्रदर्शन कर रही आंगनवाड़ी सेविका सहायिका संघ की कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने पीटा था.
ये घटना विरोध प्रदर्शन के 40वें दिन 24 सितंबर की है.
The Times of India, Scroll, Hindustan Times और Dainik Bhaskar पर भी इस घटना से जुड़ी रिपोर्ट पब्लिश हुई थीं.
इस विरोध प्रदर्शन के बारे में: आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने मांग की थी कि उन्हें सरकारी कर्मचारी बनाया जाए और तब तक सेविकाओं को 18 हजार और सहायिकाओं को 9 हजार रुपये का मानदेय दिया जाए.
इसके अलावा, कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 से बढ़ाकर 65 साल किए जाने की भी मांग की गई थी.
ये मांग भी की गई थी कि सेवानिवृत्ति पर सेविकाओं को 5 लाख रुपये और सहायिकाओं को 3 लाख रुपये भी दिए जाने चाहिए.
ये वीडियो इसके पहले भी असम का बताकर वायरल हो चुका है. ये फैक्ट चेक स्टोरी आप यहां पढ़ सकते हैं.
निष्कर्ष: साफ है कि महिला प्रदर्शनकारियों को पीटते पुलिसकर्मियों का ये वीडियो झारखंड का है, मध्य प्रदेश का नहीं.
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