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सोशल मीडिया पर एक वायरल मैसेज में ये दावा किया जा रहा है कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में भारत के दलवीर भंडारी, चीफ जस्टिस का चुनाव जीत गए हैं. वायरल मैसेज में दलवीर भंडारी के चीफ जस्टिस बनने का श्रेय मोदी सरकार को दिया जा रहा है. हालांकि, वेबकूफ की पड़ताल में ये दावा भ्रामक निकला. असल में ICJ में चीफ जस्टिस जैसा कोई पद होता ही नहीं. दलवीर भंडारी ICJ के 15 जजों में से एक हैं, पहली बार जस्टिस भंडारी ICJ के सदस्य 2012 में यूपीए सरकार के दौरान बने थे.
सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा मैसेज है - *भारत* की शानदार जीत ... मोदीजी की कूटनीति से... विश्व पटल पर ब्रिटेन की हार यह एक शास्त्रीय उदाहरण है कि कैसे पीएम मोदीजी ने दुनिया भर में संबंध विकसित किए हैं। न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में चुना गया है।
गूगल पर कीवर्ड Dalveer Bhandari सर्च करने से हमें साल 2017 की कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. इन रिपोर्ट्स में बताया गया है कि जस्टिस दलवीर भंडारी दोबारा इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) के जज चुन लिए गए. किसी भी रिपोर्ट में ये जिक्र नहीं है कि जस्टिस भंडारी को मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) चुना गया.
हमें भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से 21 नवंबर, 2017 को जारी की गई एक प्रेस रिलीज मिली. इस रिलीज में जानकारी दी गई है कि जस्टिस दलवीर भंडारी को दोबारा ICJ का जज चुना गया. रिलीज में आगे ये भी बताया गया है कि चुनाव में जस्टिस दलवीर को बहुमत हासिल होने के बाद ब्रिटेन ने अपने उम्मीदवार जज का नॉमिनेशन वापस ले लिया था. लेकिन, इस रिलीज में भी कहीं ये उल्लेख नहीं है कि जस्टिस दलवीर भंडारी को ICJ का चीफ जस्टिस बनाया गया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 21 नवंबर, 2017 का वह ट्वीट भी हमें मिला. जिसमें उन्होंने जस्टिस दलवीर भंडारी को ICJ के लिए दोबारा चुने जाने पर बधाई दी थी.
हमने ICJ की वेबसाइट पर जाकर ये पता लगाना शुरू किया कि इस अंतरराष्ट्रीय अदालत में चीफ जस्टिस यानी मुख्य न्यायाधीश नाम का कोई पद होता भी है या नहीं. हमें पता चला कि ICJ में 15 सदस्य जज होते हैं और एक प्रेसिडेंट और एक वाइस प्रेसिडेंट होता है. चीफ जस्टिस का पद यहां होता ही नहीं.
दलवीर भंडारी ICJ के 15 सदस्य जजों में से एक सदस्य जज हैं. ICJ की ऑफिशियल वेबसाइट पर दलवीर भंडारी की प्रोफाइल है. इससे पुष्टि होती है कि वे कोर्ट में सदस्य हैं.
वहीं ICJ में वर्तमान प्रेसिडेंट अमेरिका के Joan E.Donoghue और वाइस प्रेसिडेंट रूस के Kirill Gevorgian हैं.
नहीं, ICJ की वेबसाइट पर दी गई जानकारी से पता चलता है कि दलवीर भंडारी 27 अप्रैल, 2012 से ही ICJ के सदस्य हैं. यानी यूपीए-2 के कार्यकाल के वक्त से. 6 फरवरी, 2018 को उन्हें दोबारा ICJ का सदस्य चुना गया था.
ICJ की वेबसाइट पर शुरुआत से लेकर अब तक ICJ के जज रहे सभी नामों की एक लिस्ट भी है. यहां से पता चलता है कि दलवीर भंडारी ऐसे पहले भारतीय जज नहीं हैं, जो ICJ के सदस्य बने. साल 1989 से 1991 तक रघुनंदन स्वरूप पाठक, 1952-53 सर बेनेगल राउ, 1973 से 1988 के बीच नागेंद्र सिंह भी ICJ के सदस्य रह चुके हैं. नागेंद्र सिंह साल 1985 से 1988 के बीच ICJ के प्रेसिडेंट भी रहे थे.
मतलब साफ है - सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा झूठा है कि दलवीर भंडारी ICJ के मुख्य न्यायाधीश (चीफ जस्टिस) चुने गए हैं.
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